यूपी के जौनपुर में बेटे द्वारा अंजाम दिए गए डबल मर्डर में हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं. बेटे ने लोहे के बट्टे से पहले मां के सिर पर प्रहार किया. इस दौरान पिता ने फोन कर किसी को बताना चाहा तो बेटे ने उनके सिर पर भी वार कर दिया और गले को रस्सी से कस दिया. उसके बाद मां के शव को आरी से काट दिया. फिर दोनों शवों को तीन-तीन हिस्से में करके सीमेंट की बोरी में भर कर गोमती नदी में फेंक दिया.
मां के शरीर का एक कटा हुआ हिस्सा बोरी में नहीं आ पा रहा था. जिसको बेटे ने अलग से वाराणसी जाते हुए सई नदी में फेंक दिया. पारिवारिक और पैसों के विवाद में बेटे द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया. वहीं, शव की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
दरअसल, श्याम बहादुर (65) अपनी पत्नी के बबिता (63) के साथ अहमदपुर गांव में रहते थे. श्याम बहादुर की 3 बेटी और एक बेटा था. बेटा अंबेश अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कोलकाता में रहता था. पिछले 3 महीने से वो अकेला घर चला आया था. घर में मां-पिता और बेटा ही थे.
जानकारी के अनुसार, आए दिन अंबेश का माता- पिता से विवाद होता रहता था. पैसे और जमीन की बात को लेकर उसकी अनबन होती रहती थी. इसी दौरान बेटी वंदना ने पिता को फोन मिलाया तो उसकी बात नहीं सकी. कई बार फोन मिलाने पर भी कुछ पता नहीं चला. भाई को भी फोन मिलाया तो पता नहीं चला.
13 दिसंबर को जफराबाद थाने पर वंदना द्वारा उसके माता-पिता और भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. वंदना द्वारा बताया गया है कि उसके माता-पिता घर पर नहीं हैं और भाई भी गायब है. जिसपर पुलिस इस मामले में छानबीन में जुट जाती है.
पुलिस द्वारा 15 दिसंबर को अंबेश बरामद किया जाता है. लेकिन अंबेश द्वारा बार बार बयान बदला जाने लगा. जिसके चलते पुलिस वालों को शक हो गया. अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि कड़ाई से की गई पूछताछ में आरोपी बेटे ने घटना का खुलासा किया है.
बेटे द्वारा बताया गया कि कोरोना के दौरान उसने एक मुस्लिम लड़की से कोलकाता में शादी की थी. शादी के बाद 2 बच्चे भी हुए. लेकिन, परिवार वाले इस शादी से खुश नहीं थे. दूसरे धर्म में की गयी शादी को लेकर घर में लड़ाई होती थी. घर वाले चाहते थे कि वो पत्नी से अलग हो जाए.
पत्नी मेंटेनेंस के पैसों की डिमांड कर रही थी. इसने पैसों को लेकर घर पर बात की. माता-पिता ने पैसे देने से इंकार कर दिए. इसी बात से 8 दिसंबर की रात वो उग्र हो गया. उग्र होकर उसने लोहे के लोढ़े से दोनों के सिर पर प्रहार कर दिया. पिता ये सब देखकर किसी को फोन मिलाना चाहे तो उसने उनके सिर पर भी ताबड़तोड़ वार किए. चीखने पर इसने पिता के गले को रस्सी से कस दिया.
घर में कंस्ट्रक्शन के काम के बेसमेंट में आरी और अन्य औजार रखे हुए थे. अम्बेश ने आरी से शव को तीन तीन टुकड़ों में काट दिया. दोनों शवों को 6 सीमेंट की बोरी में भरा. इसके बाद उसने अपने माता-पिता के कपड़ों से ही फर्श को साफ किया.
हत्या करने के बाद अंबेश ने बेसमेंट से अपनी कार निकाली. सीमेंट की बोरी में रखे गए शव को डिक्की में रखा. घर से लगभग 7 किलोमीटर दूर बेलाव पुल पर उसने बोरी को नदी में फेंक दिया. इस दौरान मां के शव का एक टुकड़ा बोरी में नहीं आ पा रहा था. उस टुकड़े को वाराणसी जाते वक्त अंबेश द्वारा सई नदी में फेंक दिया गया.
इसके बाद अंबेश जौनपुर और बनारस घूमा. बनारस में वो घाट पर भटकता रहा. इस दौरान जब बहन ने जब अंबेश को फोन कर माता-पिता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह लोग कहीं चले गए हैं और वह भी उन्हें ढूंढने निकला है. इसके बाद 13 दिसंबर को बहन वंदना जाफराबाद थाने पहुंच गई. बहन द्वारा पुलिस को जानकारी दी गई की 8 दिसंबर से उनके माता-पिता गायब हैं और वही उनको ढूंढने निकला उनका भाई 12 दिसंबर से नहीं मिल रहा है.
पुलिस इसे गुमशुदगी का मामला मानकर तीनों तलाश कर रही थी. ज़ब सर्विलांस के जरिये अंबेश का पता चला तो पुलिस ने माता-पिता के बारे में पूछा. पूछने पर बार -बार अंबेश अपना बयान बदलता रहा. जिससे पुलिस का शक गहरा हो गया. पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में अंबेश ने अपना जुर्म कबूल लिया.
अंबेश द्वारा सीन रीक्रिएशन के दौरान पुलिस को बताया गया है कि किस तरह से उसने घटनाक्रम को अंजाम दिया था. अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि पिता के शव का एक टुकड़ा गोताखोरों द्वारा बरामद कर लिया गया है. अन्य टुकड़ों की तलाश में गोताखोर की टीम को लगाया गया है.
आदित्य प्रकाश भारद्वाज