सेहत का ध्यान रखो... इतना बोलते ही मंच से गिर पड़े IIT कानपुर के प्रोफेसर, चली गई जान

कानपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां आईआईटी के एक प्रोफेसर सेहत को लेकर मंच से बोल रहे थे कि अचानकर उन्हें हार्ट अटैक आ गया. इसके बाद प्रोफेसर मंच से गिर पड़े और उनकी मौत हो गई.

Advertisement
आईआईटी, कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर समीर खांडेकर का निधन आईआईटी, कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर समीर खांडेकर का निधन

सिमर चावला

  • कानपुर,
  • 23 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

आईआईटी कानपुर में सीनियर प्रोफेसर और स्टूडेंट वेलफेयर के डीन के पद पर तैनात समीर खांडेकर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. प्रो. खांडेकर जब मंच पर स्पीच दे रहे थे तो तभी उन्हें हार्ट अटैक आ गया. कुछ देर तक तो लोग समझ नहीं पाए लेकिन उसके बाद उन्हें आनन-फानन में कार्डियोलॉजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

Advertisement

अच्छी सेहत पर दे रहे थे लेक्चर

प्रोफेसर खांडेकर शुक्रवार को आईआईटी के ऑडिटोरियम में एलुमनाई मीट के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे और अच्छी सेहत के विषय में बात कर रहे थे. उनके आखिरी शब्द थे कि अपनी सेहत का ध्यान रखो और यह कहते ही उन्हें अचानक दर्द हुआ और कुछ देर बाद वह बैठ गए. लोगों को लगा वह भावुक हो रहे हैं कोई कुछ समझ नहीं पाया. उनका चेहरा पसीना-पसीना हो गया और प्रोफेसर वहीं बेहोश हो गए.

ये भी पढ़ें: Video: खाने के टेबल पर बैठे-बैठे शख्स को आ गया हार्ट अटैक, कैमरे में कैद हुई मौत

कार्डियोलॉजी अस्पताल के डॉ. नीरज कुमार ने 'आजतक' से बातचीत करते हुए बताया कि जब मरीज को यहां लाया गया तो तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.उनके चिकित्सीय इतिहास को देखने और शरीर की जांच करने के बाद हम कह सकते हैं कि उनकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट या कार्डियक ब्लॉक के कारण हुई.पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सारी बातें साफ हो जाएंगी.

Advertisement

उनका बेटा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पड़ता है.प्रोफेसर खांडेकर के करीबी लोगों का कहना है कि बेटे के आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.प्रोफेसर समीर खांडेकर की उम्र 55 साल थी, परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और एक बेटा है. उनका जन्म जबलपुर में हुआ, आईआईटी कानपुर से ही बीटेक किया है जिसके बाद में जर्मनी पीएचडी करने गए.

8 पेटेंट हैं खांडेकर के नाम

2004 में उन्होंने आईटी कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन किया जिसके बाद वह एसोसिएट प्रोफेसर फिर मैकेनिकल डिपार्टमेंट के विभाग अध्यक्ष और फिर स्टूडेंट वेलफेयर डीन बने. उनके नाम पर 8 पेटेंट भी है. जानकारी के मुताबिक 2019 में प्रोफेसर को कोलेस्ट्रॉल की बीमारी हुई थी जिसके बाद उनकी लगातार दवाई चल रही थी. फिलहाल प्रोफेसर की मौत से पूरा आईआईटी कानपुर मैनेजमेंट स्तब्ध है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement