बावड़ी में खतरे के संकेत देख ASI ने बंद करा दी थी खुदाई! राजा चंद्र विजय ने बताई इसकी कहानी

संभल में ऐतिहासिक बावड़ी को लेकर सहसपुर बिलारी रियासत के राजा चंद्र विजय ने सरकार और प्रशासन से इसे फिर से खुदवाने की मांग की है. उनका कहना है कि यह बावड़ी उनके परिवार द्वारा बनाई गई थी. इस बावड़ी में खतरे के संकेत दिखने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने खुदाई बंद करवा दी थी.

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ASI को बावड़ी में दिखे थे खतरे के संकेत. (Photo: Aajtak) ASI को बावड़ी में दिखे थे खतरे के संकेत. (Photo: Aajtak)

राम किंकर सिंह

  • संभल,
  • 04 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

यूपी के संभल (Sambhal) के चंदौसी में राजा आत्मा राम की बावड़ी (Baoli) की खुदाई 13वें दिन अचानक रोक दी गई. इस दिन तक 25 फीट तक खुदाई हो चुकी थी, लेकिन भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम को बावड़ी में कुछ ऐसे खतरे के संकेत दिखे, जिसकी वजह से तुरंत काम बंद कर दिया गया. अब इस ऐतिहासिक बावड़ी को लेकर सहसपुर बिलारी रियासत के राजा चंद्र विजय ने सरकार और प्रशासन से इसे फिर से खुदवाने की मांग की है.

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उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक धरोहर उनके परिवार तैयार कराई गई थी. चंदौसी के लोगों के लिए इसे संरक्षित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. राजा चंद्र विजय का कहना है कि बावड़ी एक अद्वितीय धरोहर है. इसकी तह तक खोदकर इसके महत्व को उजागर करना चाहिए. मैंने इस संबंध सरकार को चिट्ठी लिखी है.

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राजा चंद्र विजय ने जिलाधिकारी और सरकार से अपील की कि बावड़ी को उनके परिवार की संपत्ति की बजाय जनता को सौंपा जाए. उन्होंने कहा कि चंदौसी में पर्यटन स्थल की कमी है. इस बावड़ी को संरक्षित कर एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को खुदाई का जिम्मा सौंपा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि ASI खुदाई करे. ये बावड़ी हमारे परिवार की बनाई हुई है. यह यहां के लोगों के लिए अनोखी चीज है. सरकार इसे अपने अधीन लेकर चंदौसी के लोगों को सौंप दे. राजा चंद्र विजय ने कहा कि बावड़ी हमारी, लेकिन हमें नहीं चाहिए. ये चंदौसी के लोगों को सौंप दी जाए. चंदौसी में कोई पर्यटन स्थल नहीं है.

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यह भी पढ़ें: संभल में बावड़ी की खुदाई के दौरान दिखे खतरे के संकेत... ASI टीम ने सर्वे के बाद दी चेतावनी

राजा चंद्र विजय सहसपुर बिलारी रियासत के वारिस हैं और कुंदरकी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रह चुके हैं. वे मुरादाबाद से सांसद भी रहे हैं. उनके परिवार का चंदौसी और आसपास के क्षेत्र में ऐतिहासिक और राजनीतिक योगदान रहा है. बावड़ी को लेकर सवाल उठ रहा है कि 13 दिनों तक खुदाई के बाद इसे अचानक क्यों रोक दिया गया? इस दौरान क्या-क्या चीजें मिलीं? क्या इसमें कोई ऐतिहासिक महत्व की चीजें मिलीं? 

बता दें कि बावड़ी की 25 फीट तक खुदाई के बाद दूसरी मंजिल दिखने लगी थी. इस दौरान दूसरी मंजिल के गेट का मलबा हटने पर एएसआई की टीम मुंह पर रूमाल बांधकर सर्वे  के लिए अंदर गई तो कुछ खतरे के संकेत नजर आए. टीम तुरंत बाहर आ गई और मजदूरों को काम रोकने के निर्देश दिए. इस दौरान मलबा हटाने वाले मजदूरों ने कहा कि बावड़ी की दूसरी मंजिल में नीचे रेत दिखाई दी है. दीवारें टूट रही हैं. मंजिल के धंसने का खतरा है. नीचे ऑक्सीजन की भी कमी है. अंदर जाने से गर्मी लग रही है.

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