उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एक युवा मूर्तिकार ने अयोध्या जैसी रामलला की मनमोहक मूर्ति तैयार किया है. मूर्ति के आकर्षण और सुंदरता की क्षेत्र में चर्चा हो रही है. प्रभु की मंद-मंद मुस्कान देखकर भक्तों का कहना है कि उन्हें नजर न लगे. रामलला की मूर्ति स्थापित करने के लिए समाजसेवियों की टोली ने पहल शुरू कर दी है.
दरअसल, 22 जनवरी को पूरे देश में ऐसा माहौल था कि मानो दशहरा, दीवाली से बड़ा कोई त्योहार है. क्योंकि हम सभी के आराध्य प्रभु श्री राम खुद अयोध्या में विराजमान होने वाले थे. गांवों से लेकर शहरों तक बस एक ही गूंज सुनाई दे रही थी. जय श्री राम-जय श्री राम. अब अयोध्या में प्रभु श्री राम के दर्शन करने देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं. अब तक करोड़ो लोगो दर्शन कर चुके हैं.
'महज 35 घंटे में रामलला की मूर्ति का निर्माण'
वहीं, बांदा जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले युवा मूर्तिकार विपिन विनोद दीक्षित ने 'आजतक' को बताया कि महज 35 घंटे में प्लास्टर ऑफ पेरिस और मिट्टी से रामलला की मूर्ति का निर्माण किया है. उन्होंने अयोध्या धाम में विराजमान प्रभु रामलला की मूर्ति से हूबहू मूर्ति बनाने की कोशिश की है. अतर्रा के हनुमान जन्मोत्सव कार्यक्रम के आयोजक मंडल के सदस्य हनुमान जयंती के चार दिन पहले उनके पास आए और मूर्ति बनाने का आग्रह किया था.
'आयोजकों के मनाने पर मूर्ति बनाने को हुए तैयार'
आगे बताया कि, लेकिन समय अभाव के कारण उन्होंने मूर्ति बनाने से इंकार कर दिया था. आयोजकों के मनाने और उन्हें दुखी देख मूर्ति बनाने को तैयार हो गए. उनके पास समय नहीं था. मूर्ति को सुखाने और कलर को सजाने में समय लगता है. मगर, रात-दिन मेहनत कर सिर्फ 35 घंटे में मनमोहक मूर्ति तैयार कर दी. मूर्तिकार ने यह भी बताया कि यदि समय होता, तो इससे और अच्छी मूर्ति बनाई जा सकती थी.
मामले में समाजसेवी ने कही ये बात
वहीं, समाजसेवी वेद निराला ने बताया कि हम सभी की आस्था थी कि अयोध्या में रामलला विराजमान हुए हैं, तो हमारे नगर में प्रभु की एक मूर्ति विराजमान हो. इसलिए हमारी पूरी टीम ने मूर्तिकार से सम्पर्क कर उनसे मूर्ति बनवाई है. हम सभी उतना भव्य कार्यक्रम, तो नहीं कर सकते. मगर, प्रभु की इच्छा के अनुरूप प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी. मूर्ति बहुत सुंदर और मनमोहक है. ऐसा लगता है जैसे भगवान कुछ बोलने वाले हैं.
सिद्धार्थ गुप्ता