कोरोना काल में ली गई फीस की 15% रकम वापस करेंगे स्कूल, यूपी सरकार ने जारी किए आदेश

कोरोना काल के दौरान की फीस लेने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर 6 जनवरी 2023 को कोर्ट ने सरकार को 15 फीसदी फीस वापसी कराने के निर्देश दिए गए थे. हाई कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया गया है.

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सभी बोर्ड के स्कूलों को आदेश दिए गए हैं (प्रतिकात्मक तस्वीर) सभी बोर्ड के स्कूलों को आदेश दिए गए हैं (प्रतिकात्मक तस्वीर)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 16 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

उत्तर प्रदेश के करोड़ों पेरेंट्स के लिए बड़ी खुशखबरी है. कारण, सूबे की योगी सरकार ने कोरोना काल के दौरान स्कूलों के द्वारा ली गई फीस का 15 फीसदी वापसी करने या फिर उसे समायोजित करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए बकायदा विशेष सचिव की तरफ से सभी जिलों के डीएम और जिला विद्यालय निरीक्षकों को आदेश जारी किए गए हैं. आदेश के मुताबिक सभी बोर्ड के स्कूलों को 2020- 21 के सत्र में ली गई फीस का 15 फीसदी या तो वापस करना होगा या उसे आगे की फीस में समायोजित करना होगा.

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आदेश के मुताबिक जो छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं, उनको 15 फ़ीसदी फीस वापसी करने होगी. वहीं स्कूल में पढ़ रहे छात्रों की फीस को समायोजन करना होगा. दरअसल, कोरोना काल के दौरान की फीस लेने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर 6 जनवरी 2023 को कोर्ट ने सरकार को 15 फीसदी फीस वापसी कराने के निर्देश दिए गए थे. 

हाई कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया गया है. इसके साथ ही कहा गया है कि जो स्कूल प्रबंधन फीस समायोजन या वापसी में आनाकानी करेगा, उसके खिलाफ अभिभावक की शिकायत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कोर्ट में दायर हुई थी ये याचिका

दरअसल, 2020-21 में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा रहा था. इस दौरान सभी स्कूल बंद रहे थे और ऑनलाइन पढ़ाई ही चल रही थी. पर इसके बावजूद स्कूल पूरी फीस वसूल रहे थे. इसी के खिलाफ माता-पिता ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं. याचिका दायर कर माता-पिता ने मांग की थी कि कोविड महामारी के दौरान पढाई ऑनलाइन ही हुई है, लिहाजा स्कूलों में मिलने वाली सुविधाएं उन्हें नहीं मिली है, इसलिए वो उसकी फीस देने के लिए जवाबदेह नहीं हैं. 

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हाईकोर्ट ने दिया था फीस वापस करने का आदेश

इस पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्कूल फीस माफ करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने साफ कर दिया था कि 2020-21 में जब सुविधाएं नहीं दी गईं, तो फिर 2019-20 के स्तर की फीस नहीं ली जा सकती. हाईकोर्ट ने 2020-21 में जमा की गई फीस को 15 फीसदी माफ करने का आदेश दिया गया. ये आदेश राज्य के सभी स्कूलों पर लागू होगा. 2020-21 में जो फीस ली गई होगी, उसमें से 15 फीसदी माफ होगा. 

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