UP: कैदी को छुड़ाने के लिए फर्जी 'राष्ट्रपति लेटर' भेजा जेल, 5 लाख की डील में शामिल आरोपी गिरफ्तार

सहारनपुर जेल से हत्या आरोपी को छुड़ाने के लिए राष्ट्रपति भवन के नाम पर फर्जी लेटर भेजा गया. आरोपी शमशाद उर्फ भूरा ने 5 लाख रुपये लेकर दस्तावेज तैयार करवाए. पुलिस ने उसे हरिद्वार से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मामले में एक आरोपी पहले ही पकड़ा जा चुका है. मामले में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है.

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एक आरोपी गिरफ्तार और मास्टरमाइंड अब भी फरार. (Photo: Rahul Kumar/ITG) एक आरोपी गिरफ्तार और मास्टरमाइंड अब भी फरार. (Photo: Rahul Kumar/ITG)

राहुल कुमार

  • सहारनपुर,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें राष्ट्रपति भवन के नाम पर फर्जी लेटर तैयार कर हत्या के आरोपी की जेल से रिहाई कराने की साजिश रची गई. इस साजिश के मास्टरप्लान का खुलासा होने के बाद जनकपुरी थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी शमशाद उर्फ भूरा को गिरफ्तार कर लिया है. शमशाद पर आरोप है कि उसने जेल में बंद हत्या के आरोपी अजय कुमार से 5 लाख रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जेल प्रशासन को भेजे थे.

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दरअसल, यह पूरा मामला 7 फरवरी 2025 को सामने आया था जब जिला कारागार अधीक्षक ने जनकपुरी थाने में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि जेल में बंद अजय कुमार की समयपूर्व रिहाई के लिए राष्ट्रपति भवन और स्पेशल कोर्ट के नाम से फर्जी लेटर व जमानत पत्र भेजे गए थे. जांच में सामने आया कि यह दस्तावेज पूरी तरह कूटरचित थे. पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 337, 336(3), 340(2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया.

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जनकपुरी थाना पुलिस ने जांच शुरू की. इसी दौरान एक मुखबिर की सूचना पर टीम ने हरिद्वार के गांव चौली शाहबुद्दीनपुर से आरोपी शमशाद को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह पहले सहारनपुर जेल में बंद था और वहीं उसकी मुलाकात हत्या आरोपी अजय कुमार से हुई थी. शमशाद ने अजय को भरोसा दिलाया कि वह उसकी जमानत करवा सकता है, बशर्ते उसे 5 लाख रुपये मिलें.

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फर्जी रिहाई आदेश की एक कॉपी जिला जेल प्रशासन को भेजी

शमशाद कुछ दिन बाद जेल से छूट गया और फिर अपने दो साथियों के साथ मिलकर अजय कुमार के परिजनों से अलग-अलग समय में कुल ₹5 लाख वसूले. इसके बाद उसने आगरा निवासी मास्टरमाइंड साथी की मदद से राष्ट्रपति भवन के नाम से एक फर्जी रिहाई आदेश तैयार करवाया. इस पत्र की एक कॉपी जिला जेल प्रशासन को भेजी गई और दूसरी कॉपी अजय कुमार के परिवार को दी गई, ताकि वे यह समझें कि जमानत का काम हो चुका है.

जब यह फर्जी दस्तावेज जेलर के पास पहुंचा तो उन्होंने उसकी जांच कराई, जिसमें पता चला कि यह पत्र राष्ट्रपति भवन या किसी वैधानिक संस्था से जारी नहीं हुआ था. इसके बाद जेल अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जनकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. इस मामले में पुलिस पहले ही एक आरोपी ईश्वर चंद को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अब शमशाद की गिरफ्तारी के बाद जांच एक अहम मोड़ पर पहुंची है. पुलिस का कहना है कि शमशाद के खिलाफ पहले से ही सहारनपुर में धोखाधड़ी समेत आठ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, वहीं यमुनानगर में भी उसके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं.

मामले में SP ने के कही ये बात

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पुलिस के अनुसार, शमशाद और उसके साथी आगरा के थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में बैठकर फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे और एक संगठित नेटवर्क के जरिए इसे विभिन्न जेलों और परिवारों तक पहुंचाते थे. इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अब भी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं.

एसपी ट्रैफिक सिद्धार्थ वर्मा ने जानकारी दी कि आरोपी शमशाद को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है और फरार चल रहे मुख्य आरोपी की तलाश में टीमें लगाई गई हैं.

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