Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में वीडियो कॉल पर भी होगा पिंडदान, तीर्थ पुरोहितों ने शुरू की वेबसाइट

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में अब ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा भी शुरू हो गई है. इसके लिए यूपी के प्रयागराज संगम नगरी के तीर्थ पुरोहितों ने वेबसाइट तैयार कराई है. इस वेबसाइट पर विदेशों में रहने वाले लोग बुकिंग करवा रहे हैं. पुरोहितों का कहना है कि तमाम लोग किसी वजह से प्रयागराज नहीं आ पाते, वे ऑनलाइन पिंडदान करा सकते हैं.

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Pitru Paksha 2023 Pitru Paksha 2023

आनंद राज

  • प्रयागराज,
  • 29 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष की शुरुआत होने के साथ ही यूपी की संगम नगरी प्रयागराज में देशभर से लोग पिंडदान के लिए पहुंच रहे हैं. इस बार तमाम ऐसे भी श्रद्धालु हैं, जो विदेशों में हैं और किसी कारणवश प्रयागराज नहीं आ पा रहे हैं, उनके लिए अब ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा शुरू की गई है.

संगम नगरी के तीर्थ पुरोहितों ने इसके लिए वेबसाइट शुरू की है, उनके पास ऑनलाइन कर्मकांड के लिए बुकिंग भी आई है. स्थानीय तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि इस बार पिंडदान के लिए ऑनलाइन कर्मकांड की प्रक्रिया का इंतजाम भी है. धार्मिक अनुष्ठानों का भी डिजिटलीकरण होने लगा है.

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कोरोना कॉल में लोग अपनों को पिंडदान करने नहीं जा सके तो घर बैठे ही संगम पर तीर्थ पुरोहितों के जरिए पिंडदान करवाया था. जब एक बार फिर कर्मकांड के लिए डिजिटल तरीका अपनाया जा रहा है. प्रयागराज में इस बार पितृ पक्ष में डिजिटल तरीके से पिंडदान के लिए वेबसाइट तैयार की गई है. इस पर देश के बाहर रहने वालों ने ऑनलाइन बुकिंग की है. इस बेवसाइट का नाम 'पिंडदान डॉटकॉम' है.

पिंडदान के लिए भारत छोड़कर हालैंड में जा बसे श्रीरामकृष्ण, मॉरीशस से अजय मिश्रा और कनाडा से रामानंद शिव कुमार ने ऑनलाइन बुकिंग की है. प्रयागराज के तीर्थ पुरोहित प्रदीप कुमार पांडे ने बताया कि अभी आठ लोगों की बुकिंग हुई है, जिसमें तीन लोगों का कंफर्म है.

पिंडदान के लिए शुरू की गई वेबसाइट पर कई लोगों की बुकिंग के लिए आवेदन आया है, लेकिन कंफर्म नहीं हुआ है. तीर्थ पुरोहित प्रदीप ने बताया कि पिंडदान की प्रक्रिया वीडियो कॉल के जरिए होगी. इसके अलावा दक्षिणा की राशि भी ऑनलाइन ली जाएगी.

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माना जाता है कि पितरों की आत्मा की शांति के लिए और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृपक्ष में पिंडदान केवल प्रयागराज, काशी और गया में किया जाता है. पितृपक्ष में हर साल काफी संख्या में लोग पिंडदान के लिए प्रयागराज पहुंचते हैं. संगम में पिंडदान और श्राद्ध कर्म का खास महत्व है.

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