नोएडा के थाना सेक्टर-113 पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो ऑनलाइन डिलीवरी ऐप्स का इस्तेमाल करके गांजा की सप्लाई करता था. पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 10 किलो 100 ग्राम अवैध गांजा बरामद हुआ है, जिसमें ओजी, मैंगो और शिलोंग जैसी क्वालिटी शामिल हैं. इसके अलावा पैकिंग मटेरियल भी मिला है.
आरोपी की पहचान योगेंद्र प्रताप सिंह, सूरज उर्फ रुद्र और शिवकेश त्रिपाठी के रूप में हुई है. तीनों की गिरफ्तारी एफएनजी सर्विस रोड, सेक्टर-123 इलाके से की गई. जांच में पता चला कि योगेंद्र प्रताप सिंह इस गिरोह का सरगना है और वही सप्लाई नेटवर्क को संभालता था. आरोपी लंबे समय से इस अवैध काम को ऑनलाइन माध्यम से चला रहे थे.
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कॉलेजों और कॉर्पोरेट ऑफिसों के बाहर ग्राहकों की तलाश
पुलिस के अनुसार, आरोपी कॉलेजों और कॉर्पोरेट ऑफिसों के आसपास छुट्टी या लंच टाइम में पहुंचते थे और वहां लोगों से गांजा उपलब्ध कराने की बात करते थे. इसके बाद वे ग्राहकों को अपना फोन नंबर दे देते थे. ग्राहक लोकेशन और ऑर्डर डिलीवरी ऐप्स के जरिए भेजते थे और भुगतान भी ऑनलाइन ही लिया जाता था.
गिरोह के लोग नामी ई-कॉमर्स कंपनियों जैसी दिखने वाली पॉलीथीन और नकली ऑर्डर रसीदों का इस्तेमाल करते थे. वे गांजे को ऐसे पैक करते थे कि देखने में यह किसी बड़ी ब्रांड का सामान लगे. डिलीवरी ऐप से राइडर बुक कर वे ऑर्डर निर्दिष्ट लोकेशन पर भिजवा देते थे.
राइडर को फंसाकर खुद बच निकलने की चाल
पुलिस ने बताया कि इनकी सबसे चालाकी भरी रणनीति यह थी कि अगर रास्ते में राइडर पकड़ा जाए, तो वही फंस जाए और असली सप्लायर बच निकले. इसी तरीके से ये गिरोह NCR के कई इलाकों में सप्लाई करता था.
डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद के अनुसार, गिरोह का मुखिया योगेंद्र प्रताप सिंह पहले नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करता था. वहां उसने देखा कि लोग नशे का इस्तेमाल करते हैं, जिसके बाद उसने खुद गांजा सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया. धीरे-धीरे उसने NCR में अपना नेटवर्क फैला लिया. फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है और उनसे जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है.
भूपेन्द्र चौधरी