'बेटी को घर में किसी ने डांटा नहीं, किसी ने कुछ कहा नहीं तो फिर...', पीड़ित परिवार ने उठाए सवाल

फर्रुखाबाद में पेड़ से लटकी मिली लड़कियों के मामले में 18 वर्षीय बड़ी लड़की की मां और बहन ने आजतक से बात की. उन्होंने कहा कि बेटी को घर में किसी ने डांटा नहीं, किसी ने कुछ कहा नहीं तो उसने आत्महत्या क्यों की? वहीं, फर्रुखाबाद से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत और कायमगंज से अपना दल विधायक डॉ. सुरभि गंगवार ने परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है.

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घटनास्थल पर जांच करती पुलिस. घटनास्थल पर जांच करती पुलिस.

संतोष शर्मा

  • फर्रुखाबाद,
  • 30 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पेड़ से लटकी मिली लड़कियों के मामले में 18 वर्षीय बड़ी लड़की की मां और बहन ने आजतक से बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें कभी नहीं पता था कि उनकी बेटी के पास सिम कार्ड, मोबाइल है या वह किसी से बात करती है. सिम पड़ोस में रहने वाली 15 वर्षीय छोटी लड़की के पास से बरामद हुआ है.

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'आजतक' से बात करते हुए मृतक की मां ने कहा, बेटी को घर में किसी ने डांटा नहीं, किसी ने कुछ कहा नहीं तो उसने आत्महत्या क्यों की? वह घर छोड़कर उस बगीचे में आत्महत्या करने क्यों जाएगी? बड़ी लड़की के पिता का कहना है कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनकी बात भी कराई.

ये भी पढ़ें- फर्रुखाबाद: 'पुलिस पर भरोसा नहीं, होनी चाहिए CBI जांच ', आरोपी दीपक के मां-बाप ने की मांग

बातचीत में दोनों लड़कों ने बताया कि जन्माष्टमी की रात उन दोनों ने लड़कियों को फोन करके मिलने के लिए कहा था. फिर वे लड़कियों को छोड़कर क्यों चले गए. वहीं, पीड़िता के पिता लड़कियों के शवों की तस्वीरें दिखाकर पोस्टमार्टम पर सवाल उठाए हैं.

परिवार को न्याय दिलाने का दिया भरोसा

उत्तर प्रदेश में दलितों और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने पोस्ट लिखी, तो बीजेपी सांसद और स्थानीय विधायक भी पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे. फर्रुखाबाद से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत और कायमगंज से अपना दल विधायक डॉ. सुरभि गंगवार ने परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है.

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वहीं, पुलिस ने दावा किया है कि दीपक और पवन नाम के लड़के ही दोनों लड़कियों को फोन पर बात करने के लिए परेशान करते थे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन परिवार पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि, पुलिस और सीएमओ का दावा है कि पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी कराई गई थी और डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था.

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