कानपुर में नाबालिग लड़की की रहस्यमयी मौत... सवालों के घेरे में पुलिस और पोस्टमार्टम रिपोर्ट

कानपुर में 17 वर्षीय नाबालिग लड़की की मौत रहस्य बनी हुई है. वह 6 तारीख को लापता हुई थी और सात दिन बाद गांव से दूर तालाब किनारे उसका शव मिला है. शव के चेहरे पर खून के निशान थे, लेकिन पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ. पुलिस और परिजनों के दावे अलग-अलग हैं. विसरा सुरक्षित रखकर जांच जारी है.

Advertisement
तालाब में शव मिलते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई (Photo: ITG) तालाब में शव मिलते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई (Photo: ITG)

रंजय सिंह

  • कानपुर ,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

कानपुर के नरवाल इलाके में सात दिन पहले घर से लापता हुई 17 वर्षीय किशोरी का शव गांव से दूर एक तालाब के किनारे मिला. शव की हालत, परिजनों और पुलिस के अलग-अलग दावे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने से घटना को एक रहस्य में बदल दिया है.

यह मामला नरवाल थाना क्षेत्र के एक गांव का है. बन्नो लाल (बदला हुआ नाम) की 17 वर्षीय बेटी 6 तारीख को अचानक घर से गायब हो गई थी. परिजनों के अनुसार, बेटी रोजमर्रा की तरह घर से निकली थी, लेकिन देर शाम तक वापस नहीं लौटी. बेटी के न लौटने पर परिवार ने पहले आसपास के इलाकों, रिश्तेदारों और परिचितों के यहां उसकी तलाश की. गांव में भी पूछताछ की गई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल सका. परिवार का कहना है कि उन्होंने बेटी के लापता होने की जानकारी पुलिस को दी थी. परिजनों के मुताबिक, 7 और 8 तारीख को उन्होंने पुलिस को बेटी की गुमशुदगी से अवगत कराया और मदद की गुहार लगाई. वहीं पुलिस इस दावे को नकार रही है. पुलिस का कहना है कि उनके पास उस समय किसी भी तरह की गुमशुदगी की सूचना दर्ज नहीं कराई गई थी. इसी बात को लेकर शुरुआत से ही दोनों पक्षों के दावे आमने-सामने हैं.

Advertisement

स्थानीय लोगों ने देखा शव 

करीब सात दिन बाद, 13 तारीख को गांव से कुछ दूरी पर स्थित एक तालाब के किनारे स्थानीय लोगों ने एक युवती का शव देखा. शव की सूचना मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उस समय शव की पहचान नहीं हो सकी थी, इसलिए उसी दिन पोस्टमार्टम नहीं कराया गया. अगले दिन, 14 तारीख को बन्नो लाल ने शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में की. पहचान होते ही परिवार में कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. बेटी की पहचान के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, ताकि मौत के कारण का पता चल सके.

नाक से बहा था खून 

शव मिलने के समय उसकी हालत ने कई सवाल खड़े कर दिए. प्रत्यक्षदर्शियों और सामने आई तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा था कि युवती की नाक से खून बह रहा था और चेहरे पर खून के निशान थे. यह दृश्य सामान्य नहीं था और इससे संदेह और गहरा हो गया. हालांकि, जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, तो उसमें न तो नाक से खून बहने का स्पष्ट उल्लेख था और न ही किसी गंभीर बाहरी चोट का जिक्र. सोमवार को कराए गए पोस्टमार्टम में डॉक्टरों ने मौत का कारण स्पष्ट नहीं बताया. रिपोर्ट में कहा गया कि फिलहाल मौत के कारण का निर्धारण नहीं हो सका है. विसरा सुरक्षित रखा गया है और रेप की आशंका को ध्यान में रखते हुए स्लाइड भी बनाई गई है. यानी यह संभावना पूरी तरह से खारिज नहीं की गई है कि किशोरी के साथ कोई गंभीर अपराध हुआ हो, लेकिन इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी.

Advertisement

विसरा रखा गया सुरक्षित

पुलिस कमिश्नर के स्टाफ ऑफिसर अमरनाथ यादव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं है और विसरा को जांच के लिए सुरक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच हर पहलू से की जा रही है और किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. पुलिस का यह भी कहना है कि गुमशुदगी को लेकर उनके पास कोई पूर्व सूचना नहीं थी.

कई सवाल खड़े हुए 

इस पूरे घटनाक्रम में कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अभी तक सामने नहीं आए हैं. अगर बेटी 6 तारीख को लापता हुई थी और परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी, तो उस सूचना का रिकॉर्ड कहां है. अगर पुलिस को जानकारी थी, तो फिर सात दिनों तक उसकी तलाश के लिए क्या कदम उठाए गए. नाबालिग के लापता होने के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जरूरत होती है, लेकिन इस मामले में तलाश को लेकर कोई ठोस विवरण सामने नहीं आया है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर संदेह 

दूसरी ओर, घर वाले पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर भी गंभीर सवाल उठा रहे हैं. तालाब के किनारे मिली लाश के मामले में अगर मौत डूबने से हुई होती, तो डूबने से संबंधित लक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से होने चाहिए थे. वहीं, अगर मौत किसी अन्य कारण से हुई है चाहे वह चोट, दम घुटना या कोई और वजह तो उसका उल्लेख भी रिपोर्ट में होना चाहिए था. लेकिन मौत का कारण स्पष्ट न होना जांच की दिशा पर सवाल खड़े करता है. सबसे ज्यादा हैरानी इस बात को लेकर है कि शव के चेहरे पर खून के निशान होने के बावजूद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख क्यों नहीं किया गया. क्या यह खून किसी चोट का परिणाम था या किसी अन्य वजह से आया, यह सवाल अब भी अनुत्तरित है. फिलहाल पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पड़ताल की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, जांच का दायरा गांव और आसपास के इलाकों तक सीमित रखा गया है. पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है और हर संभावित कड़ी को जोड़ने की कोशिश की जा रही है.

Advertisement

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement