यूपी: नगर पालिका उपचुनाव में मिश्रिख में बीजेपी जीती, महमूदाबाद की सीट पर सपा ने किया कब्जा

सीतापुर जिले में मिश्रिख और महमूदाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष पद के उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. मिश्रिख सीट बीजेपी ने जीत ली, लेकिन महमूदाबाद में पार्टी पांचवें नंबर पर रह गई और अपनी जमानत भी खो दी.

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उपचुनाव में मिश्रिख बीजेपी का और महमूदाबाद सपा का किला बना (Photo: ITG/Arvind Mohan Mishra) उपचुनाव में मिश्रिख बीजेपी का और महमूदाबाद सपा का किला बना (Photo: ITG/Arvind Mohan Mishra)

अरविंद मोहन मिश्रा

  • लखनऊ,
  • 14 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:24 AM IST

उत्तर प्रदेश के सीतापुर की मिश्रिख और महमूदाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए हुए उपचुनाव की मतगणना पूरी हो गई है. मिश्रिख सीट सत्ताधारी बीजेपी ने जीत ली, लेकिन महमूदाबाद में पार्टी पांचवें नंबर पर रह गई और अपनी जमानत भी खो बैठी. महमूदाबाद की हार भाजपा के लिए बेहद शर्मनाक साबित हुई, खासकर तब जबकि कई मंत्री और प्रशासनिक हस्तक्षेप के आरोपों के बावजूद पार्टी मात्र 1,352 वोटों तक सीमित रह गई.

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उपचुनाव क्यों हुए?

महमूदाबाद और मिश्रिख नगर पालिका के अध्यक्षों के निधन के बाद इन जगहों पर उपचुनाव हुआ था. मिश्रिख सीट में नैमिषारण्य भी शामिल है, इसलिए यह भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट मानी जाती थी. अयोध्या लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद पार्टी नैमिषारण्य की सीट को किसी भी हालत में जीतना चाहती थी.

बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने इस सीट से विधायक रामकृष्ण भार्गव की बहू सीमा भार्गव को प्रत्याशी बनाया. समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी प्रत्याशी उतारा, लेकिन उनके समर्थन में आए पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक के साथ कई विवादित घटनाएं हुईं. इसके बावजूद, सीमा भार्गव 3,200 वोटों से विजयी घोषित हुईं.

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महमूदाबाद की हार

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महमूदाबाद में बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजेश वर्मा के करीबी संजय वर्मा को टिकट दिया. इससे इलाके के लंबे समय से सक्रिय कई अन्य चेहरे किनारे हो गए. उनका विरोध और बागी प्रत्याशियों की वजह से भाजपा प्रत्याशी पांचवें नंबर पर सिमट गया और जमानत भी जब्त हो गई.

कई मंत्री और बड़े नेता लगातार अपने प्रत्याशी के समर्थन में रहे, लेकिन जनता ने इनकी मौजूदगी को नकार दिया. चुनाव के अंतिम चरणों में कई बूथों पर भाजपा नेताओं के कथित धमकाने के वीडियो भी वायरल हुए, लेकिन इन प्रयासों का कोई असर नहीं हुआ.

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