हरदोई जिले में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है. आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार एक आरोपी कोर्ट परिसर से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. यह घटना न्यायालय जैसी संवेदनशील जगह पर हुई, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आरोपी की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी. इस लापरवाही के चलते पुलिस अधीक्षक ने मौके पर आरोपी को पेश करने आए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
आरोपी की गिरफ्तारी और कोर्ट में पेशी
जानकारी के मुताबिक, हरदोई के अतरौली थाना क्षेत्र की पुलिस ने ढिकुन्नी गांव निवासी आरिफ पुत्र रईस को 12 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया था. उसके पास से 315 बोर का एक अवैध तमंचा और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे. पुलिस ने इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया और उसे रिमांड के लिए 13 अगस्त को एसीजेएम द्वितीय की अदालत में पेश करने के लिए लाया गया.
कैसे हुआ फरार
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान आरिफ ने मौका पाकर वहां तैनात पुलिसकर्मियों को चकमा दे दिया और भाग निकला. यह सब इतनी तेजी से हुआ कि मौजूद पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका ही नहीं मिला. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आरोपी अदालत भवन के एक किनारे से निकलकर भीड़ में गायब हो गया. घटना के बाद पुलिसकर्मी चारों ओर खोजबीन करते रहे, लेकिन आरिफ का कोई पता नहीं चला.
पुलिस महकमे में हड़कंप
घटना की जानकारी मिलते ही सीओ सिटी अंकित मिश्रा, स्थानीय थाना पुलिस और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. आसपास के सभी थानों को अलर्ट किया गया और चारों दिशाओं में नाकाबंदी कर दी गई. सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ, लेकिन देर रात तक आरोपी गिरफ्त से बाहर रहा. सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने बताया कि थाना अतरौली पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त को पेशी के लिए न्यायालय लाया गया था. वह मौके का फायदा उठाकर फरार हो गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को लगाया गया है और आवश्यक वैधानिक कार्रवाई जारी है.
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए तुरंत जांच कराई. प्रारंभिक जांच में पेशी के लिए आरोपी को लाने वाले पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई. इसके बाद अतरौली थाने में तैनात उपनिरीक्षक मोहित कुमार, हेड कांस्टेबल सुबोध कुमार और कांस्टेबल सौरभ शर्मा को तत्काल निलंबित कर दिया गया. एसपी कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया कि यह घटना पुलिस की कार्यकुशलता और चौकसी पर गंभीर प्रश्नचिह्न है, इसलिए इसमें शामिल जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. स्थानीय अधिवक्ता संघ के एक सदस्य ने कहा कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए. यहां पर सीसीटीवी कैमरे, गेट पर मेटल डिटेक्टर और पर्याप्त पुलिस बल होना जरूरी है. अगर ऐसे मामलों में लापरवाही होगी तो बड़े अपराधी भी आसानी से भाग सकते हैं.
आरिफ पर दर्ज हैं पहले भी मुकदमे
आरिफ के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज होने की बात सामने आ रही है. पुलिस को आशंका है कि वह अपने परिचितों या रिश्तेदारों के घर में छिपा हो सकता है. अधिकारियों ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिशें दी हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में भी तलाश की जा रही है. पुलिस सूत्र बताते हैं कि फरार आरोपी के पास अवैध हथियार रखने के अलावा अन्य अपराधों में भी संलिप्तता की जांच की जा रही है. उसकी गिरफ्तारी के लिए जिले से बाहर भी टीमों को भेजा जा सकता है.
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर कोर्ट जैसी सुरक्षित जगह से आरोपी भाग सकता है, तो आम जगहों पर सुरक्षा का स्तर क्या होगा. पुलिस अब आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जिले भर में तलाश जारी रखे हुए है. संदिग्ध स्थानों पर दबिशें दी जा रही हैं और रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर भी चेकिंग बढ़ा दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और भागने की पूरी साजिश का खुलासा होगा.
प्रशांत पाठक