उत्तर प्रदेश के देवरिया की डीएम दिव्या मित्तल सुर्खियों में हैं. बीते दिनों उन्होंने एक बैठक में जनप्रतिनिधियों को ट्रांसफर के लिए दबाव न बनाने की नसीहत दे दी थी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. डीएम के इस बयान पर जब मीडिया ने यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि लोगों की बातों को सुनना प्रशासन का काम है और उन्हें सुनना चाहिए. ऐसा कोई सरकारी आदेश नहीं है कि अधिकारी जनप्रतिनधि की बात ना सुने.
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा- देवरिया मेरा गृह जिला है. मैं उस मीटिंग में नहीं था. लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि के पास बहुत सारे काम आते हैं. उसे उन कामों को करना पड़ता. ट्रांसफर/पोस्टिंग वाली कोई बात नहीं है. वैसे, लोगों की बातों को सुनना प्रशासन का काम है. उन्हें सुनना भी चाहिए.
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दरअसल, 3 जुलाई को देवरिया के कलेक्ट्रेट सभागार में भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में 'दिशा' की बैठक हुई थी. जिसमें सपा सांसद रमाशंकर राजभर, मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, भाजपा विधायक शलभ मणि, भाजपा विधायक दीपक मिश्रा, भाजपा विधायक सुरेंद्र चौरसिया, भाजपा विधायक सभा कुंवर, एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि व अलग-अलग विभागों के अधिकारी मौजूद थे.
इसी बैठक के दौरान बरहज विधायक ने कहा कि मैंने BSA शालिनी श्रीवास्तव को उनके द्वारा एक आउटसोर्सिंग के थ्रू एकाउंटेंट का ट्रांसफर रोकने के लिए कई बार कहा था, लेकिन उन्होंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया. साथ ही विधायक ने सड़कों की मरम्मत का भी मुद्दा उठाया और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई, फिर बीच बैठक से उठकर चल दिए.
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इसके बाद डीएम दिव्या मित्तल ने बैठक में सब जनप्रतिनिधियों से कहा कि कोई भी ट्रांसफर के लिए दबाव न बनाए, यह शासनादेश में है. हालांकि, तब किसी जनप्रतिनिधि ने इसपर सवाल जवाब नहीं किया. लेकिन आज जब कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही देवरिया पहुंचे तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई सरकारी आदेश नहीं है. लोकतंत्र में प्रशासन का काम है कि जनता और जनप्रतिनिधि की बात को सुने.
राम प्रताप सिंह