UP: चचेरी बहन से बलात्कार के आरोप में युवक गिरफ्तार, तेज हवाओं से बचाने जंगल में ले गया

घटना तब हुई जब आरोपी अपनी चचेरी बहन को तेज हवाओं से खेत में खुले पड़े भूसे को बचाने के बहाने घर से जंगल में ले गया. शिकायत के अनुसार, उसने जंगल में लड़की के साथ बलात्कार किया. 

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • अमरोहा,
  • 19 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 10:45 PM IST

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के एक गांव में अपनी नौ वर्षीय चचेरी बहन के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित कुमार आनंद ने बताया कि आरोपी 20 वर्षीय व्यक्ति ने शुक्रवार शाम अपनी नाबालिग चचेरी बहन के साथ बलात्कार किया. 

शिकायत के अनुसार, घटना तब हुई जब आरोपी अपनी चचेरी बहन को तेज हवाओं से खेत में खुले पड़े भूसे को बचाने के बहाने घर से जंगल में ले गया. शिकायत के अनुसार, उसने जंगल में लड़की के साथ बलात्कार किया. 

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पीड़िता ने जब अपने परिवार के सदस्यों को अपनी आपबीती बताई, तो पुलिस को घटना की जानकारी दी गई. लड़की को नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां पीड़िता का इलाज चल रहा है. एसपी ने कहा कि पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और कानूनी कार्यवाही चल रही है.

अगर कोई व्यक्ति किसी नाबालिग के साथ बलात्कार के जुर्म में पकड़ा जाता है तो उसे  POCSO के तहत सजा मिलती है. POCSO का पूरा नाम है Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012. यह भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक विशेष कानून है, जिसका मकसद है बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा देना.

POCSO एक्ट के मुख्य बिंदु
बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून
यह कानून 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न, और अश्लीलता से बचाने के लिए बनाया गया है.

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सभी प्रकार के यौन अपराध शामिल

यौन शोषण (sexual assault)
बलात्कार (penetrative sexual assault)
यौन उत्पीड़न (sexual harassment)
बच्चों को अश्लील सामग्री दिखाना या भेजना

लिंग-निरपेक्ष कानून (Gender-Neutral)
इसका मतलब है कि पीड़ित (victim) चाहे लड़का हो या लड़की, दोनों को समान सुरक्षा दी जाती है.

कड़ी सजा और जल्दी सुनवाई

दोषी पाए जाने पर 3 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
मामलों की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में होती है ताकि फैसला जल्दी हो.

बच्चों के हितों की रक्षा के प्रावधान

बच्चे का नाम या पहचान मीडिया में उजागर करना अपराध है.
बयान देने के दौरान बच्चे को सुरक्षित और सहज माहौल देने की व्यवस्था होती है.
किसी भी व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज की जा सकती है
अगर किसी को शक भी हो कि कोई बच्चा यौन शोषण का शिकार हो रहा है, तो वह पुलिस में रिपोर्ट कर सकता है.

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