उपचुनाव: मझवां सीट पर BJP-SP में रोचक मुकाबला, क्या पिता की हार का बदला ले पाएंगी ज्योति बिंद?

मझवां विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर डॉक्टर रमेश चंद बिंद ने पहली बार 2002 में चुनाव जीता था. इसके बाद बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव 2007 में चुनाव जीता. विधानसभा चुनाव 2012 मे बसपा से लगातार तीसरी बार चुनाव जीता.

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ज्योति बिंद और सुचिमिस्ता मौर्य ज्योति बिंद और सुचिमिस्ता मौर्य

सुरेश कुमार सिंह

  • लखनऊ,
  • 26 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

उत्तर प्रदेश के मझवां विधानसभा उपचुनाव में इस बार दिलचस्प मुकाबला है. भारतीय जनता पार्टी से सुचिस्मिता मौर्य और समाजवादी पार्टी से ज्योति बिंद आमने-सामने है. इससे पहले सुचिस्मिता मौर्य ने ज्योति बिंद के पिता लगातार तीन बार से विधायक बन रहे डॉक्टर रमेश चंद बिंद को हराया था. इन बार पिता की हार का बदला लेने के लिए डॉक्टर रमेश चंद बिंद की बेटी चुनावी मैदान में है. उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की सुचिस्मिता मौर्य के साथ है.

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मझवां विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर डॉक्टर रमेश चंद बिंद ने पहली बार 2002 में चुनाव जीता था. इसके बाद बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव 2007 में चुनाव जीता. विधानसभा चुनाव 2012 मे बसपा से लगातार तीसरी बार चुनाव जीता.

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डॉक्टर रमेश चंद बिंद के विजय रथ को विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी सुचिस्मिता मौर्य ने रोका. इस चुनाव में सुचिस्मिता मौर्य को 1 लाख 7 हजार 839 मत मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे बसपा से डॉक्टर रमेश चंद बिंद को 66 हजार 680 मत मिला था. यह चुनाव सुचिस्मिता मौर्य ने 41 हजार 159 मतों से यह चुनाव जीता था.

मझवां विधानसभा में एक बार फिर से 2017 विंधानसभा का मुकाबला सामने है. इस मुकाबले में पिता के स्थान पर बदला लेने के लिए बेटी सामने है. आज तक ने जब इस पर सुचिस्मिता मौर्य से सवाल किया तो उनका कहना था कि हमने ही तीन बार के विधायक को हराया था. सामने कौन है इसका मुझे फर्क नही पड़ता है. जीत भारतीय जनता पार्टी की ही होगी. जनता का आशीर्वाद मुझे फिर मिलेगा.

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वही समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ज्योति बिंद का कहना है कि हम क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे है. फिलहाल देखने वाली बात होगी कि ज्योति बिंद अपने पिता के हार का बदला सुचिस्मिता मौर्य को हरा कर ले पायेगी या फिर सुचिस्मिता मौर्य एक बार फिर जीत हासिल कर अपना रिकार्ड बरकरार रखती है.

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