उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. शहर कोतवाली क्षेत्र की हिंद टायर गली में एक नौकर दंपति ने संपत्ति हड़पने के इरादे से रेलवे से रिटायर्ड सीनियर क्लर्क ओमप्रकाश सिंह राठौर और उनकी मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी रश्मि को करीब पांच साल तक उनके ही घर में बंधक बनाकर रखा.
मृतक के भाई अमर सिंह राठौर ने बताया कि वर्ष 2016 में पत्नी की मौत के बाद ओमप्रकाश अपनी बेटी के साथ अलग मकान में रहने लगे थे. देखभाल के लिए उन्होंने चरखारी निवासी रामप्रकाश कुशवाहा और उसकी पत्नी रामदेवी को रखा था. आरोप है कि कुछ समय बाद नौकर दंपति ने पूरे मकान पर कब्जा कर लिया और पिता-पुत्री को नीचे के कमरों में कैद कर दिया.
मानवता को झकझोर देने वाली घटना
नौकर ऊपर के कमरों में आराम से रहते रहे, जबकि बुजुर्ग और उनकी बेटी को भरपेट खाना तक नहीं दिया गया. जब भी परिजन मिलने आते, उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता कि दोनों किसी से मिलना नहीं चाहते.
सोमवार को ओमप्रकाश की मौत की सूचना मिलने पर परिजन घर पहुंचे तो हालात देख सन्न रह गए. ओमप्रकाश का शरीर पूरी तरह सूख चुका था. उनकी 27 वर्षीय बेटी रश्मि एक अंधेरे कमरे में बेहद कमजोर हालत में मिली. भूख के कारण वह हड्डियों का ढांचा मात्र रह गई थी.
मृतक के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया कि मकान और बैंक बैलेंस हड़पने के लिए यह सब किया गया. जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ओमप्रकाश को मृत घोषित कर दिया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. फिलहाल बेटी का इलाज परिजन करा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
नाहिद अंसारी