महाकुंभ, बाइक और बवंडर बाबा... 1.15 लाख KM चलकर पहुंचे प्रयागराज, क्या है संन्यासी बनने की कहानी?

प्रयागराज के संगम की रेती पर इस बार कुंभ मेले में साधु-संतों की अलग-अलग छवियां देखने को मिल रही हैं. इन्हीं में से एक नाम है 'बवंडर बाबा' का, जो अपने अनोखे जनजागरूकता अभियान के लिए चर्चित हैं. केसरिया रंग का झंडा और जागरूकता संदेश से सजी अपनी हाईटेक बाइक पर बाबा अब तक 25 राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं.

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बाइक से महाकुंभ में पहुंचे बवंडर बाबा. (Photo: Aajtak) बाइक से महाकुंभ में पहुंचे बवंडर बाबा. (Photo: Aajtak)

आनंद राज

  • प्रयागराज ,
  • 08 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में संत-महात्माओं के कई रंग रूप देखने को मिल रहे हैं. ऐसे ही एक महात्मा कुंभ में बाइक से पहुंचे हैं. केसरिया रंग की बाइक पर झंडा और जागरूकता संदेश लिखा हुआ है. इन संत को बवंडर बाबा के नाम से लोग जानते हैं. बवंडर बाबा 25 राज्यों में जन-जागरूकता के लिए तकरीबन 1.15 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. 

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बवंडर बाबा का कहना है कि उनका नाम और प्रचार का विषय बवंडर मचाने वाला है. ये बाबा हिंदू आस्था के प्रतीक देवी-देवताओं के चित्रों को कचरे मे नहीं डालने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उनका कहना है कि धर्म में आराध्य के चित्र प्रतिमा को विसर्जित करने के तरीके बताए गए हैं.

दरअसल, मध्य प्रदेश के रहने वाले विनोद सनातनी ने 14 वर्ष की उम्र में संन्यास ले लिया था. तब से अब तक वे जनकल्याण के लिए लोगों को संदेश दे रहे हैं. भ्रमण के दौरान विनोद सनातनी ने देखा कि हिंदू देवी देवताओं के चित्र और प्रतिमा को लोग पूजा पाठ के बाद कचरे में फेक देते हैं.

इसके अलावा शादी कैलेंडर व अन्य में देवी देवताओं के लगे चित्रों को गंदगी वाली जगहों पर फेंक देते हैं. इससे उनका मन बहुत बेचैन हुआ तो बाबा ने देश के लोगों को जागरूक करने की ठानी और अपनी बाइक से देश की यात्रा पर निकल पड़े. उज्जैन कुंभ में बवंडर बाबा ने संकल्प लिया और उन्होंने अपनी पहचान बवंडर बाबा के रूप में बनाई.

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बवंडर बाबा ने उज्जैन से शुरू किए गए इस जन जागरूकता अभियान का सारा श्रेय एक साधारण कन्या को देते हैं. बवंडर बाबा का कहना है लोग अपने देवी-देवताओं का अपमान जाने अनजाने में करते चले आ रहे हैं. 

हिंदू धर्म शास्त्रों में देव प्रतिमा, चित्र, विधि विधान से विसर्जित करने के 3 प्रकार बताए गए हैं, जिनका सभी को पालन करना चाहिए. बवंडर बाबा अब तक देश के 12 ज्योतिर्लिंग, 29 शक्तिपीठ सहित 25 राज्यों में बाइकनुमा रथ से सफर कर चुके हैं. बाबा के मुताबिक, उनका रथ जन-जागरण अभियान में 1.15 लाख किलोमीटर की यात्रा तय कर कुंभ क्षेत्र में पहुंचा है.

अपने जागरूकता बाइक रथ पर बाबा अपने रहने, खाने, आराम, करने व पूजा-पाठ का सामान रखकर चल रहे हैं. सनातन की धर्म ध्वजा को अपने मस्तक के समीप फहराते हुए रखते हैं. बवंडर बाबा का रथ उन हाईटेक बाबाओं की तरह ही है, जो आज के युग के साथ कदम मिलाकर चल रहे हैं. उसके बाइक नुमा रथ पर सोशल मीडिया के सभी प्रचार माध्यम का चित्र व मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. 

बवंडर बाबा अब कुंभ मे घूम कर सनातन धर्म और आस्था के प्रतीक आराध्य को सम्मान दिलाने की कोशिश के लिए अनवरत चलने वाले मकसद मे रमे हुए है. बाबा जहां पर भी रुकते हैं, उन्हें देखने के साथ सुनने और सेल्फ लेने वालों की भीड़ लग जाती है.

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