Kashi Vishwanath Mandir: सावन में सोमवार के दिन कोई प्रोटोकॉल नहीं होगा मान्य, प्रशासन ने बनाया ये प्लान

सावन के मौके पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ने वाली लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को मैनेज करने के लिए पुलिस-प्रशासन एक्टिव हो गया है. हालांकि, ये काम अधिकारियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

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काशी विश्वनाथ मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी ,
  • 18 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

हाथरस की घटना के बाद से भीड़ वाले कार्यक्रम को लेकर पुलिस-प्रशासन किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता. ऐसे में सावन के मौके पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ने वाली लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को मैनेज करने के लिए पुलिस-प्रशासन एक्टिव हो गया है. हालांकि, ये काम अधिकारियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने स्पर्श दर्शन और VIP दर्शन के बारे में बताया कि सावन के सोमवार के दिन किसी भी तरह का प्रोटोकॉल मान्य नहीं होगा. 

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बता दें कि 22 जुलाई से शुरू होने वाले सावन माह को देखते हुए वाराणसी पुलिस-प्रशासन ने अभी से कमर कस ली है. इसी के मद्देनजर सभी विभागों की एक हाई लेवल बैठक काशी विश्वनाथ धाम में हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. काशीवासियों के लिए अलग से दो प्रवेश द्वार भी प्रस्तावित कर लिए गए है. जिसमें से एक सावन शुरु होने के पहले फाइनल भी हो जाएगा. 

चूंकि, हाथरस की घटना जितनी परेशान करने वाली है, उतनी ही सचेत करने वाली भी है. ऐसे में सावन माह के मद्देनजर काशी विश्वनाथ धाम में होने वाली भारी भीड़ की समुचित व्यवस्था, दर्शनार्थियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर सभी विभागों की एक बैठक विश्वनाथ धाम में संपन्न हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. 

इसके बारे में जानकारी देते हुए वाराणसी के मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने बताया कि सावन के मद्देनजर इस बैठक में पुलिस, PAC, CRPF, मेडिकल, PWD और बिजली विभाग की संयुक्त बैठक हई और लिए गए निर्णय 10 दिनों में लागू भी कर दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि पिछली बार सावन को लेकर लिए गए निर्णय रिवाइज तो हुए ही हैं, साथ ही पूरे प्रदेश के लिए क्राउड मैनेजमेंट महत्वपूर्ण हो गया है जो बारिश के मौसम में और भी अहम हो जाता है. 

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गलियों से आने वाली भीड़ का भी ध्यान लिया गया है. सभी विभागों को जिम्मेदारी दी गई है. CCTV के इंतजाम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, एंबुलेंस, डाक्टर्स या शेड लगाकर बारिश से बचाव, श्रद्धालुओं के लिए पेयजल और टॉयलेट की व्यवस्था और खाने-पीने की भी व्यवस्था होगी. गंगा घाट और गलियों से आने वाली भीड़ के लिए पुलिस बल की तैनाती वायरलेस के साथ रहेगी. बेरिकेडिंग और जिगजैग भी बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा स्थानीय लोगों के सहयोग की बात की गई है. 

मंडलायुक्त ने आगे बताया कि अलग-अलग सोमवार पर भी अलग-अलग संगठन दर्शन करते हैं, उनकी भी व्यवस्था की गई है. काशीवासियों को अलग से मंदिर में प्रवेश देने के ट्रस्ट के निर्णय को मूर्त रूप देने का वक्त आ गया है. दो मार्ग नन्दू फारिया और सिल्को गली प्रस्तावित है, इन्ही में से एक मार्ग काशीवासियों के लिए अगले हफ्ते सावन के पहले तय कर दिया जाएगा. 

वहीं, वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि सभी विभागो की कोऑर्डिनेशन की एक बैठक सावन के मद्देनजर की गई है. सावन में प्रतिदिन 6 से 7 लाख श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के दरबार में दर्शन के लिए आते हैं. श्रद्धालुओं को किसी तरह की भी असुविधा न हो इसी के मद्देनजर यह बैठक की गई है. श्रद्धालुओं के लिए बैरिकेडिंग, महिलाओं के लिए महिला पुलिस, श्रद्धालुओं के लिए चाय-पानी, लाइटिंग, चिकित्सक और किसी तरह की श्रद्धालुओं को दिक्कत और धक्का-मुक्की का सामना न करना पड़े. 

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इसको ध्यान में रखते हुए जिगजैग बेरिकेडिंग भी कराई गई है. काफी संख्या में फोर्स की तैनाती भी की जा रही है, जिसमें सीआरपीएफ, सिविल पुलिस, महिला पुलिस, सभी चीजों की मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम के माध्यम से होती रहेगी. अलग से सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं, ताकि एक-एक कोने और एक-एक व्यक्ति की निगरानी की जा सके. 

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