कानपुर में नई सड़क हिंसा मामले में आरोपी रहे मुख्तार अहमद उर्फ बाबा बिरयानी पर एक बार फिर गंभीर आर्थिक अपराध का आरोप लगा है. जाजमऊ क्षेत्र के एक लेदर व्यापारी ने आरोप लगाया है कि उससे प्लानिंग के तहत करीब 2 करोड़ 86 लाख 71 हजार रुपये की रकम हड़प ली गई. पीड़ित की शिकायत पर जाजमऊ थाने में नामजद केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
पीड़ित के अनुसार, दबंगई दिखाकर उसे वर्षों तक एक खास टेनरी को ही कच्चा चमड़ा सप्लाई करने के लिए मजबूर किया गया. इसके एवज में भुगतान टाला जाता रहा. जब रकम की मांग की गई तो जान से मारने की धमकी दी गई. आरोप है कि टेनरी मालिक के निधन के बाद मुख्तार अहमद ने उसके बेटों से सांठगांठ कर फैक्ट्री बिकवा दी और पैसों को विदेश में इनवेस्ट कर दिया.
पीड़ित का कहना है कि स्थानीय थाना और डीसीपी स्तर पर शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. बाद में मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा, जिनके निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई. इसी बीच मुख्य आरोपी का बेटा महफूज देश छोड़कर दुबई चला गया.
आठ साल तक होती रही सप्लाई, भुगतान अटका रहा
शिकायतकर्ता शमशेर आलम ने कहा कि वह नूर हाइड कंपनी के नाम से कच्चे चमड़े का कारोबार करता है. व्यापार के सिलसिले में उसकी मुलाकात मुख्तार अहमद उर्फ बाबा बिरयानी और उसके बेटे महफूज से हुई, जिन्होंने उसे जाजमऊ स्थित गुडविल टेनर्स के मालिक और उनके बेटों से संपर्क कराया.
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आरोप है कि बाबा बिरयानी ने साफ तौर पर कहा था कि पूरा कच्चा चमड़ा केवल उसी टेनरी को बेचा जाए. वर्ष 2016 से 2024 के बीच लगभग 2.86 करोड़ रुपये मूल्य का माल सप्लाई किया गया, जिसकी रसीदें और टैक्स से जुड़े दस्तावेज पीड़ित के पास सुरक्षित हैं.
पैसे मांगे तो दी गई जान से मारने की धमकी
पीड़ित का आरोप है कि जब उसने बकाया भुगतान की बात कही तो सभी आरोपी एकजुट होकर गाली-गलौज करने लगे और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. कहा गया कि सप्लाई बंद की तो झूठे मामलों में फंसाकर जेल भिजवा दिया जाएगा. डर के कारण पीड़ित लगातार जीएसटी अदा कर माल भेजता रहा.
मालिक की मौत के बाद फैक्ट्री बेचने का आरोप
एफआईआर में कहा गया है कि टेनरी मालिक रईस आलम के निधन के बाद पीड़ित को आशंका हुई कि फैक्ट्री बेची जा सकती है. इसे रोकने के लिए उसने सिविल कोर्ट का सहारा लिया, लेकिन इसके बावजूद आरोपियों ने आपसी साठगांठ से फैक्ट्री का सौदा कर दिया. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि फैक्ट्री बिक्री से मिली रकम को आरोपियों ने विदेश, खासतौर पर दुबई में इनवेस्ट कर दिया. पीड़ित का कहना है कि यह उसकी मेहनत की कमाई है.
सिमर चावला