ऑडिटोरियम की छत, रात 1 बजे छठी मंजिल पर घसीटने के निशान.. क्या है कानपुर में डॉक्टर दीक्षा की मौत का सच?

कानपुर में डॉक्टर दीक्षा तिवारी की मौत का सच क्या है? पुलिस जांच में जुटी है, परिजन इसे हत्या बता रहे हैं. वहीं, मेडिकल कॉलेज प्रशासन इसे हादसा बता रहा है. इन सबके बीच कई सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर डॉक्टर इतनी रात में छत पर क्यों गई थी. घसीटने के जो निशान मिलने की बात कही जा रही है उसका सच क्या है?

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कानपुर में डॉक्टर दीक्षा तिवारी की मौत का मामला कानपुर में डॉक्टर दीक्षा तिवारी की मौत का मामला

सिमर चावला

  • कानपुर ,
  • 14 जून 2024,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आधी रात को एक एमबीबीएस फाइनल ईयर पास कर चुकी महिला डॉक्टर की संदिग्ध अवस्था में 6 मंजिल इमारत की छत से गिरकर मौत हो गई. मौत से कुछ समय पहले मृतक डॉक्टर ने दो दोस्तों के साथ पार्टी की थी. डॉक्टर के परिजन फिलहाल हत्या का आरोप लगा रहे हैं और हादसे को संदिग्ध मान रहे हैं. 

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बता दें कि बरेली की रहने वाली छात्रा दीक्षा तिवारी कानपुर मेडिकल कॉलेज से फाइनल ईयर एमबीबीएस कर चुकी थी, वह मेरठ में पोस्टिंग भी पा चुकी थी. इसी का जश्न मनाने वह रात को अपने दो दोस्त हिमांशु और मयंक के साथ किसी रेस्टोरेंट पर पार्टी करके मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम बिल्डिंग की छत पर पहुंच गई. 

मेडिकल स्टूडेंट बोले- वो जहां बैठी, वो जगह टूट गई

साथी डॉक्टरों के मुताबिक, बुधवार रात फाइनल ईयर की पढ़ाई पूरी होने की पार्टी रखी गई थी. हम लोगों ने पहले कमरे में पार्टी की.  फिर हम एग्जामिनेशन बिल्डिंग की 6 मंजिला इमारत की छत पर चले गए. रात में करीब 12 से 1 बजे के बीच हम मेडिकल कॉलेज की छत पर थे. दीक्षा बात करते हुए छत पर बने डक (वेंटिलेटर के लिए बनी जगह) पर बैठ गई. दीक्षा छत के जिस हिस्से में बैठकर बात कर रही थी, अचानक वह हिस्सा टूट गया और दीक्षा 6ठें फ्लोर से नीचे गिर गई. जिसके बाद एक छात्र पाइप के सहारे ही नीचे उतरा, नीचे देखा तो दीक्षा कि बॉडी से खून निकल रहा था. जिसके बाद गेट तोड़कर उसकी बॉडी बाहर निकाली. 

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शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सभी मौके का दौरा कर चुके हैं. जॉइंट पुलिस कमिश्नर हरिश्चंद्र का कहना है कि छात्रा पार्टी करके छत पर गई थी. उसके साथ दो दोस्त थे. इसी दौरान वह अचानक ऊपर से गिर गई और उसकी मौत हो गई. रात 1:00 बजे के लगभग की घटना है. इस मामले में उसके दोनों दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. मृतका के परिजन जो भी एप्लीकेशन देंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. 

उठ रहे कई सवाल 

मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी इस घटना को हादसा मानकर चल रहा है. लेकिन कुछ सवाल है जो उठ रहे हैं कि आखिर रात को 1:00 बजे छठी मंजिल पर ऑडिटोरियम की छत पर डॉक्टर दीक्षा क्या करने गई थी और जो परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उसको घसीटने के निशान मिले हैं, छत से फेंका गया है, इसमें कितनी सच्चाई है? फिलहाल, पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. 

वहीं, फोरेंसिक टीम ने छत के कुछ हिस्सों का बारीकी से निरीक्षण किया है. मार्किंग की गई है. कथित तौर पर कुछ घसीटे जाने के निशान मिले हैं. जांच के बाद चीजें साफ हो पाएंगी. हालांकि, बताया ये जा रहा है कि डॉक्टर दीक्षा तिवारी अपने दो डॉक्टर दोस्तों के साथ छत पर बने स्लैब पर बैठी हुई थी और अचानक कमजोर होने के कारण स्लैब टूट गई और दीक्षा नीचे जा गिरी.  

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तस्वीर होगी साफ?

सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दीक्षा की बॉडी में 36 से ज्यादा चोटों की पुष्टि हुई है. सिर की हड्डी भी टूटी हुई है, दोनों पसलियां टूटकर फेफड़ों में घुस गई हैं, जिसके कारण फेफड़े फट गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अधिक ब्लीडिंग को मौत का कारण बताया गया है. इसके अलावा रेप की आशंका को देखकर विसरा सुरक्षित रखा गया है. शरीर में एल्कोहल की मात्रा भी पाई गई है.

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