अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होने जा रहा है. पूरे देश में बड़े ही धूम धाम से इस आयोजन को हर्ष और उल्लास से मनाने की तैयारी चल रही है. कानपुर देहात भी इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने जा रहा है. यहां के पवन तनय आश्रम के महंत गोपाल दास ने यह संकल्प लिया है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम जब विराजमान होंगे, तो इस दिन 1 लाख लोगों को भंडारा खिलाया जाएगा.
वहींं, एक लाख घरों में 11 लाख दीये को प्रज्वलित करवाने का कार्यक्रम भी किया जाएगा. 11 लाख दीये को बनने के साथ-साथ अब तक करीब तीन लाख दीये का वितरण भी किया जा चुका है. बताते चलें कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे लोगों का उत्साह बढ़ता ही जा रहा है.
देखिए तैयारी का वीडियो...
करीब 500 साल बाद राम अपने घर में वापस आ रहे हैं. पूरे देश के लोग अलग-अलग तरह से 22 जनवरी का उत्सव मनाकर इस दिन के भागी बनना चाहते हैं. लोग देश के कोने-कोने से अयोध्या पहुंचने के साथ अपने-अपने जिलों में इस दिन के और अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम के साक्षी बनना चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात भाऊपुर स्थित पवन तनय आश्रम के महंत ने भी 11 लाख दीये को वितरित कर उन्हें जलवाने का संकल्प लिया है. इसके साथ-साथ 22 जनवरी को राम जब अपने अपने घर में विरामन होंगे, उसी दिन पवन तनय आश्रम में 1 लाख लोगों का भंडारा महंत की तरफ से खिलाया जाएगा.
दो महीने पहले से बन रहे हैं दीये
मंदिर के महंत गोपाल दास का कहना है कि 11 लाख दीये को बनवाने के लिए दो महीने पहले से ही इसकी शुरुआत कर दी गई थी. इसके लिए कानपुर के सरसौल में कुम्हारों को दीये बनाने के लिए कह दिया गया था. दो महीने से करीब 15 कुम्हार लगातार दीये को बना रहे हैं. हम लोग उस दिन को दीपावली के तौर पर खुशी के साथ मनाने जा रहे हैं.
जितने दीये बन जाते हैं, उन्हें पवन तनय आश्रम भेज दिया जाता है. फिर यहां से जिले के गांवों में बोरियो में भरकर दीयों को बंटवाया जा रहा है. एक बोरी में 15 सौ दीये रखे जा रहे हैं. अब तक करीब ढाई से 3 लाख दीये बन चुके हैं, जो कानपुर नगर और कानपुर देहात में बांटे जा रहे हैं. एक परिवार में जलाने के लिए 11 दीये दिए जा रहे हैं.
कुम्हार भी प्राण प्रतिष्ठा का हिस्सा बनने से खुश
11 लाख दीये को बना रहे कुम्हार भी बहुत ही खुश हैं. दरअसल, वो भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का हिस्सा बनेंगे. भले ही वो आयोध्या न जा पाएं, लेकिन राम के लिए जलने वाले दीये को बनाकर वे खुश हैं.
सूरज सिंह