यूपी के श्रावस्ती जिले से शुक्रवार सुबह ऐसी खबर आई जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया. कैलाशपुर मनिहार तारा गांव में एक ही परिवार के पांच लोग संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए. रोजमर्रा की शांत सुबह अचानक भय और सन्नाटे में बदल गई, जब एक बंद कमरे का दरवाजा न खुलने पर परिजनों को अनहोनी का शक हुआ. लेकिन किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि दरवाजा टूटने के बाद सामने इतना भयावह दृश्य दिखाई देगा. घर के अंदर पति–पत्नी और उनके तीन मासूम बच्चों के शव बिखरे पड़े मिले. यह खबर देखते ही देखते गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई.
खिड़की से झांककर दिखा मौत का मंजर
बताया जाता है कि रोज अली की बहन रुबीना सुबह कुछ काम से भाई के घर पहुंची. सामान्य दिनों की तरह उसने दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई. कई बार आवाज़ लगाने के बाद भी जब कोई हलचल न हुई, तो उसके मन में आशंका पैदा हुई. उसने खिड़की से अंदर झांककर देखा तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. कमरे के भीतर एक साथ पांच-पांच शव पड़े थे भाई रोज अली, भाभी शहनाज़, दो बेटियां और एक छोटा बेटा. रुबीना की चीख सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए. परिजनों ने तुरंत दरवाज़ा तोड़कर अंदर प्रवेश किया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. कमरा ठंडा था और माहौल में अजीब-सी खामोशी फैली हुई थी. पहली नजर में किसी को भी समझ नहीं आया कि यह हादसा है, आत्महत्या या किसी साजिश का परिणाम.
गांव में मातम, हर कोई खामोश
समाचार फैलते ही पूरा गांव गम में डूब गया. परिवार के लोग बदहवास हालत में घर के बाहर बैठ गए. पड़ोसी बताते हैं कि रोज अली और उसका परिवार किसी से विवाद में नहीं पड़ता था. बच्चे पढ़ने वाले और शांत स्वभाव के थे. परिवार की इस तरह अचानक मौत ने हर किसी को हिला दिया है. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कभी एक साथ इतनी बड़ी त्रासदी नहीं देखी. महिलाएं बच्चों की याद में बिलखती रहीं और लोग घटना वाली जगह के आसपास खामोशी में खड़े रह गए.
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने संभाला मोर्चा
सूचना मिलते ही इकौना थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई. कुछ ही देर में जिले के आला अधिकारी और फॉरेंसिक टीम भी गांव में आ गए. पुलिस ने पूरे घर को सील कर दिया और बारीकी से हर कोने की जांच शुरू की. फॉरेंसिक टीम कमरे से नमूने जुटा रही है दीवारों से लेकर बिस्तर, बर्तन, पानी के गिलास और घर की बनावट तक का परीक्षण हो रहा है. कमरे में किसी तरह की छेड़छाड़, ज़बरदस्ती या संघर्ष के निशान हैं या नहीं इसकी भी जांच की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि वे सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रहे हैं. परिवार की सामूहिक आत्महत्या की संभावना से इंकार नहीं किया गया है, लेकिन जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहती.
घटना के बाद कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं-
- अगर परिवार ने आत्महत्या की, तो वजह क्या थी?
- क्या किसी प्रकार का ज़हर या जहरीला पदार्थ इस्तेमाल किया गया?
- अंदर से दरवाज़ा बंद था या किसी ने बाहर से बंद किया था?
- क्या परिवार आर्थिक तंगी या किसी मानसिक दबाव में था?
आशीष श्रीवास्तव