इलाहाबाद हाई कोर्ट आज ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर लगी रोक को लेकर आगे की सुनवाई करेगा. इस मामले में बुधवार को मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और फिर गुरुवार के लिए सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया.
इस बीच अंजुमन इंतजामिया कमेटी के वकील सैयद फरमान नकवी ने खुदाई पर सवाल उठाते हुए कहा, 'हम यह कह रहे हैं डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के ऑर्डर मैं बार-बार खुदाई की बात आ रही है. कोर्ट यह खुद कह रहा है कि खुदाई करिए, तो हम यह कैसे मान लें कि खुदाई नहीं होगी? यह लोग तो फावड़ा कुदाल लेकर भी पहुंच गए थे तो आखिर खुदाई नहीं करेंगे इसकी क्या गारंटी है? इससे प्रॉपर्टी डैमेज होगी. मेरे पास तस्वीरें हैं जिनमे यह फावड़ा लेकर गए हैं.'
फरमान बोले- 2023 तक कहां थे
सैयद फरमान ने कहा, '1989 में उन्हें पूजा करने से अगर रोका गया तो 2023 तक यह कहां थे, टालने का काम तो यह कर रहे हैं और अब चाहते हैं की कोर्ट आपके पॉलिटिकल एजेंडे को साधे. इमारत की गुंबद के नीचे वजूखाना है. अगर खुदाई कहीं भी होती है तो इसका असर वहां पड़ेगा, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आर्डर है कि उसे नहीं छूना है, इनको डिजाइन ढूंढना नहीं बल्कि डिस्टर्ब करना है. हो सकता है कि कुछ बादशाहों ने गलत किया है लेकिन उसके 500 साल बाद आप अगर सही करने बैठेंगे तो यह सही नहीं है.'
यह भी पढ़ें: विवाद, केस और दावे... औरंगजेब के काल से अब तक, जानिए 353 साल पुराने ज्ञानवापी केस की पूरी कहानी
खुदाई पर उठाए सवाल
सैयद फरमान ने कोर्ट द्वारा ऑर्डर देने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 2021 से यह सूट पेंडिंग थे एकदम से एप्लीकेशन move किया और कहा एएसआई से सर्वे हो और तुरंत ही ऑर्डर हो गया. उन्होंने कहा, 'कोर्ट को पहले एएसआई को पार्टी बनाना था अगर नही बनना था तो इन्हे कॉल करना चाहिए था और एएसआई का पहले ओपिनियन लेना चाहिए था. वैसे कह रहे हैं कि खुदाई नहीं करेंगे लेकिन अगर नहीं करना तो एप्लीकेशन में खुदाई की बात क्यों कही है. केवल रडार से इमेजिंग करना है तो खुदाई की क्या जरूरत है.'
यह भी पढ़ें: '4 लाख मस्जिदों को मुक्त कराकर हिंदुओं को सौंपा जाए...', ज्ञानवापी पर सुनवाई के बीच बोले योगी के मंत्री
सैयद फरमान से जब पूछा गया कि अगर कोर्ट सर्वे का आर्डर कर देता है तो क्या करेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि हमें समय मिलना चाहिए. जो गलती ने district judge ने की है वह हाई कोर्ट कभी नहीं करेगा. इसके बाद हम समय लेकर सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं. सुबह तक एएसआई ने मुस्लिम पक्ष को कोई जानकारी नहीं दी है की वह आज सर्वे कर सकते हैं.'
समर्थ श्रीवास्तव