गोरखपुर में मां के शव को अंतिम संस्कार के लिए चार दिन फ्रीजर में रखने की बात कहने वाले बेटों को अब समाज में अपमान झेलना पड़ा. बेटों ने पंचायत में पिता से माफी मांगी, जिसके बाद पिता भुआल ने उन्हें माफ कर दिया. अब परिवार ने पंडित की सलाह पर मां का आटे का पुतला बनाकर उसका दाह संस्कार करने का फैसला किया है.
दरअसल, शोभा देवी (65 वर्ष) का शव उनके बेटे ने लेने से मना कर दिया था. यह मामला 20 नवंबर को गोरखपुर में हुआ था. बेटे ने इसलिए मना किया क्योंकि उसके बेटे की शादी थी. उसने पिता से कहा था कि चार दिन फ्रीजर में लाश रखवा दें और शादी के बाद आकर दाह संस्कार करवाएगा. इस बात से बेटों की बदनामी हुई और उसे हर तरफ अपमान झेलना पड़ा. बेटों ने पंचायत में अपने पिता भुआल (68 वर्ष) से माफी मांगी, जिसके बाद पिता ने उन्हें माफ कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, पिता भुआल और मृतक शोभा देवी ने गांव से कर्ज लेकर अपने बेटों को छोड़कर तीर्थ यात्रा के बहाने अयोध्या से जौनपुर के वृद्ध आश्रम चले गए थे. इस दौरान उनके बेटों का पालन पोषण उनके ननिहाल वालों ने किया था, जिसकी वजह से परिवार में इस तरह की दूरियां बन गई थीं. बेटों के इस व्यवहार के पीछे यह दूरी एक बड़ी वजह बनकर सामने आई, हालांकि कैमरे पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ.
बेटों की बदनामी होने और अपमानित महसूस करने के बाद, जब पिता अपने रिश्तेदारों के साथ मां का शव दफनाने पहुंचे तो बेटों ने भी पहुंचकर शव को दफना दिया. इसके बाद गांव में पंचायत बैठी जहां बेटों ने अपने पिता से माफी मांगी. नाराज पिता भुआल ने बेटों को माफ कर दिया और उन्हें अपने साथ ले लिया.
बेटों की माफी के बाद, अब बड़े बेटे के बेटे की शादी संपन्न हो गई है. अंतिम संस्कार के लिए पंडित को बुलाया गया और सलाह ली गई. पंडित की सलाह के बाद यह तय हुआ कि मां शोभा देवी का आटे का पुतला बनाकर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
गजेंद्र त्रिपाठी