UP: बुर्के में पहुंची छात्राओं को हिंदू कॉलेज में नहीं मिली एंट्री, प्रिंसिपल ने गिनाए कारण

मुरादाबाद के हिंदू कॉलेज में बुर्के में आई छात्राओं को एंट्री नहीं दी गई जिसके बाद कॉलेज में बवाल हो गया. हालांकि इस पर सफाई देते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि सभी के लिए ड्रेस कोड में आना अनिवार्य है और ये विवाद राजनीतिक साजिश है.

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हिंदू कॉलेज में बुर्के को लेकर बवाल हिंदू कॉलेज में बुर्के को लेकर बवाल

जगत गौतम

  • मुरादाबाद,
  • 19 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हिंदू कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के बुर्के में आने को लेकर बवाल हो गया. बुर्के में आई छात्राओं को जब कॉलेज के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया तो उन्होंने गेट के बाहर इसका विरोध करना शुरू कर दिया. छात्राएं गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गईं जिसमें समाजवादी छात्र सभा के पदाधिकारी भी शामिल हो गए और गेट के बाहर नारेबाजी करने लगे. 

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वहीं हिंदू कॉलेज की तरफ से नियमों का हवाला देते हुए बिना ड्रेस में आए छात्र- छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया, कुछ मुस्लिम छात्राएं तो ड्रेस में आने के लिए तैयार हो गई, लेकिन उसमें से कुछ हिंदू कॉलेज के स्टाफ से नोकझोंक करने लगीं.  

करीब 40-45 मिनट तक इसको लेकर विवाद चलता रहा जिसके बाद समाजवादी छात्र सभा के पदाधिकारी ने हिंदू कॉलेज बोर्ड को ज्ञापन सौंपा उसके बाद मामला शांत हुआ.

प्रिंसिपल ने दी सफाई

वहीं घटना को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि चाहे कोई भी हो ड्रेस के बिना उसको प्रवेश नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बुर्के वाली बात को लेकर कहा कि यह बस विवाद खड़ा करने की कोशिश है. उन्होंने इस विवाद को एक राजनीतिक साजिश करार दे दिया. 

बुरके में आई छात्राओं ने बुधवार को जो हंगामा किया था उसको लेकर जब हिंदू कॉलेज के प्रिंसिपल सत्यव्रत सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां 12 से 14 हजार बच्चे पढ़ते हैं. अगर कोई स्टूडेंट आकर अपनी बात रखता है तो वो कोई मामला नहीं है और यूनीफॉर्म कोड 15 अक्टूबर से लागू हो गया है.

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उन्होंने कहा, 'कुछ अराजक तत्व हैं वो भटकाने के लिए ऐसा करते हैं, कोई भी छात्रा अगर बुर्के में आ रही है तो यूनिफॉर्म कोड का क्या मतलब है, आउटसाइडर को कैसे आइडेंटिफाई करेंगे और कॉलेज में गेट के पास चेंजिंग रूम हैं, वहां पर चेंज करके अंदर आ जाएं उसमें कोई दिक्कत नहीं है.'

प्रिंसिपल रावत ने कहा, हमारे यहां हर समुदाय के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं, आप केवल और केवल यूनिफॉर्म में आइए,अगर किसी को परेशानी है तो वह हमसे अपनी बात रख सकते हैं. आते ही धरने पर कैसे बैठ सकते हैं,  हमने उनसे उनका आई कार्ड भी मांगा है. उन्होंने कहा कि इस पूरे ड्रेस कोड को भी बोर्ड और शिक्षकों की सहमति से लागू किया गया है. 

बता दें कि हिंदू कॉलेज में बीते साल 15 अक्टूबर से ही ड्रेस कोड लागू किया गया है. जब 1 जनवरी से ड्रेस में आने की सख्ती की गई तो छात्राओं ने इसका विरोध किया. समाजवादी छात्र सभा ने ज्ञापन में हिंदू कॉलेज से अब अनुरोध किया है कि मुस्लिम छात्राओं को बुर्के में क्लास रूम तक जाने की अनुमति दी जाए.

वहीं कुछ छात्राओं ने ड्रेस कोड का समर्थन करते हुए कहा कि ड्रेस में आकर अच्छा लग रहा है, सब अमीर गरीब एक से हैं. कॉलेज में बुर्के पर जो हंगामा हुआ है वो गलत है. कॉलेज के अपने-अपने रूल्स हैं और हमें उस रूल्स को फॉलो करना चाहिए.

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