सीएम योगी के आदेश पर शहर-शहर शुरू हुई ऐसे लोगों की पहचान, मांगे गए फाेन नंबर और पहचान पत्र

यूपी में SIR सर्वे के साथ अवैध घुसपैठियों की पहचान तेज हो गई है. प्रयागराज के बाद अब लखनऊ में भी नगर निगम के कचरा प्रबंधन व सफाई कार्य में लगे मजदूरों का पूरा ब्यौरा यूपी एटीएस ने मांगा है. आशंका है कि कार्यदायी संस्थाओं में बांग्लादेशी व रोहिंग्या शामिल हो सकते हैं. सीएम योगी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि सर्वे गहन हो और घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर किया जाए.

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जांच करते पुलिस अधिकारी (Photo: ITG) जांच करते पुलिस अधिकारी (Photo: ITG)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 09 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

यूपी में SIR की कवायद के साथ एक बार फिर घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर करने की कवायद तेज हो गई है. प्रयागराज नगर निगम में काम करने वाले कर्मचारियों के बाद अब लखनऊ में भी अवैध बांग्लादेशियों को चिन्हित कर बाहर करने की शुरुआत हो चुकी है.

यूपी एटीएस ने प्रयागराज के बाद अब लखनऊ नगर निगम में भी कूड़ा प्रबंधन के काम में लगे शहर भर के मजदूरों का लखनऊ नगर निगम से ब्यौरा मांगा गया है. एटीएस ने कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों से सफाई श्रमिकों की प्रमाणित सूची जिसमें निवास स्थान, पहचान प्रमाण पत्र और मोबाइल नंबर मांगा गया है.

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डिटेंशन सेंटर बनाए जाने की कवायद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि एसआईआर सर्वे गहनता से किया जाए घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर किया जाए. डिटेंशन सेंटर बनाए जाने की कवायद भी शुरू हो गई है. ऐसे में इलाहाबाद लखनऊ कानपुर मेरठ जैसे बड़े शहरों में नगर निगम के कचरा प्रबंधन और सफाई के काम में लगे सफाई कर्मियों का ब्यौरा अब यूपी एटीएस भी जुटा रही है.

यूपी एटीएस बड़े शहरों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्यायो की मौजूदगी की जांच में जुट गई है. यूपी एटीएस ने प्रयागराज के बाद अब लखनऊ नगर निगम से भी शहर के कचरा प्रबंधन व सफाई कार्य में जुटे मजदूरों का ब्यौरा मांगा है. यूपी एटीएस को इनपुट मिले हैं कि लखनऊ नगर निगम में भी कार्यदाई संस्थाओं के माध्यम से शहर के कचरा प्रबंधन व सफाई के काम में अधिकतर बांग्लादेशी व रोहिंग्या लगे हैं.

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नगर निगम या प्रशासन के अफ़सर जब किसी संदिग्ध से पूछताछ करते हैं तो वह आधार कार्ड से खुद को असम का बताते हैं. ऐसे में किसी आतंकी संगठन के मददगार या संगठन के नेटवर्क से सीधा जुड़ा कोई शख्स भी छिपा हो सकता है लिहाजा यूपी एटीएस ने नगर निगम के सभी ठेकेदारों से उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों का नाम पता मोबाइल नंबर समेत पूरी जानकारी मांगी है.

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