'थाने आ जाओ, छोटा खत्म हो गया...', हाथरस भगदड़ में 3 साल के बच्चे की मौत की खबर सुन फफक पड़ा पिता

हाथरस हादसे के पीड़ित सत्येंद्र यादव ने कहा कि सत्संग समाप्त होने के बाद जब वो बाहर निकल रहे थे तभी पत्नी ने फोन कर बताया कि उनके तीन वर्षीय बेटे 'छोटा' की मौत हो गई है. ये सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई.

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हाथरस हादसे की पीड़ित एक महिला हाथरस हादसे की पीड़ित एक महिला

aajtak.in

  • हाथरस ,
  • 03 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:54 PM IST

यूपी के हाथरस में भगदड़ के बाद जान गंवाने वालों में दिल्ली से आए सत्येंद्र यादव का मासूम बेटा भी शामिल है. सत्येंद्र ने कहा कि सत्संग समाप्त होने के बाद जब वो बाहर निकल रहे थे तभी पत्नी ने फोन कर बताया कि उनके तीन वर्षीय बेटे 'छोटा' की मौत हो गई है. ये सुनते ही सत्येंद्र के पैरों तले जमीन खिसक गई. एक झटके में उनका संसार उजड़ गया. वो बेसुध हो गए. भावुक सत्येंद्र यादव ने न्यूज एजेंसी को आपबीती सुनाई तो लोगों का दिल पसीज गया. आइए जानते हैं पूरी कहानी... 

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दरअसल, दिल्ली से 29 वर्षीय सत्येंद्र यादव अपने परिवार के साथ हाथरस में बाबा का सत्संग सुनने पहुंचे थे. उनके साथ पत्नी, दो बच्चे, दो सालियां और मां भी थीं. सत्संग कार्यक्रम समाप्त होने से ठीक पहले सत्येंद्र अपनी मां और बड़े बेटे मयंक (4) के साथ अपने वाहन (तिपहिया लोडर) की ओर चलने लगे. 

बकौल सत्येंद्र- "जैसे ही हम अपने वाहन के पास पहुंचे, मुझे मेरी पत्नी का फोन आया... उसने कहा, 'पिलुआ थाने आ जाओ, छोटा खत्म हो गया है.' सत्येंद्र यादव के तीन वर्षीय बेटे रोविन को उसका परिवार प्यार से 'छोटा' बुलाता था. वह मंगलवार को यहां मची भगदड़ में मारे गए 121 लोगों में से एक था. शोक संतप्त परिवार ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि धार्मिक आयोजन में ऐसी घटना घटेगी.

सत्संग में उमड़ी भीड़

 

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सत्येंद्र यादव ने बताया कि वह परिवार के साथ सोमवार रात करीब 11 बजे दिल्ली से निकले थे और सुबह 5.30 बजे (मंगलवार को) हाथरस पहुंचे थे. वहीं, उनकी मां एटा स्थित अपने गांव से इस कार्यक्रम में पहुंची थीं. लेकिन भगदड़ में उनके तीन साल के बेटे की जान चली गई.  

मंगलवार रात अपने गांव में अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने वाले सत्येंद्र यादव ने कहा कि यह वास्तव में मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत दुखद है. भगदड़ के कुछ दृश्यों को याद करते हुए सत्येंद्र ने कहा- मुझे उस समय हुए हंगामे के बारे में कुछ भी याद नहीं है. बाद में मैंने देखा कि कुछ लोग एक महिला को कहीं ले जा रहे थे. मुझे लगा कि वह गर्म मौसम के कारण बेहोश हो गई होगी. मैंने इस घटना के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा था. फिर, मुझे मेरी पत्नी का फोन आया. मेरी आवाज उस तक पहुंच रही थी, लेकिन मैं सुन नहीं पा रहा था कि वह क्या कह रही है. इसलिए मैंने उसे उस जगह पर आने के लिए कहा, जहां मैंने अपना वाहन पार्क किया था. 

रोते-बिलखते परिजन

कुछ समय बाद जब उन्हें उसकी पत्नी का एक और फोन आया तो वह अपनी बहनों के साथ पिलुआ पुलिस स्टेशन (एटा में) में थी और उसने उसे रोविन की मौत के बारे में बताया. सूचना मिलने के बाद सभी लोग मौके पर पहुंचे. देर रात पुलिस ने शव को सौंपा, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया.  

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100 से ज्यादा लोगों की मौत 

बता दें कि हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया, जिले के फुलराई गांव में 'भोले बाबा' का प्रवचन कार्यक्रम चल रहा था, इसी दौरान समापन के बाद अचानक भगदड़ मच गई. कार्यक्रम में शामिल होने आए 121 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई. आज सीएम योगी सुबह 11 बजे हाथरस पहुंचे. यहां उन्‍होंने घायलों का हालचाल जाना. उन्होंने दोषियों पर सख्त एक्शन लेने की बात कही है. 

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