UP: जूता फटने पर वकील ने दुकानदार को भेजा नोटिस, कहा- मैं साले के लड़के की शादी में नहीं जा सका

यूपी के Fatehpur में एक वकील ने जूता फटने पर दुकानदार को नोटिस (Notice) भेज दिया. वकील का कहना है कि उन्हें अपने साले के बेटे की शादी में जाना था, लेकिन नहीं जा सका. इससे मानसिक रूप से बीमार हो गया. इसके बाद कानपुर में इलाज कराया. अब वकील ने दुकानदार से इलाज में खर्च के साथ ही जूते की रकम वापस करने की मांग की है.

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जूता फटने पर दुकानदार को भेजा नोटिस. जूता फटने पर दुकानदार को भेजा नोटिस.

नीतेश श्रीवास्तव

  • फतेहपुर,
  • 31 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर (Fatehpur) में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक वकील ने जूते खरीदे थे. जूता फट गए तो दुकानदार को नोटिस (Notice) भेज दिया. वकील का कहना है कि जूते फटने के कारण वह अपने साले के लड़के की शादी में नहीं जा सके, जिससे वह मानसिक रूप बीमार हो गए. हालत नाजुक होने पर उसने कानपुर स्थित निजी अस्पताल में इलाज कराया.

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जानकारी के अनुसार, फतेहपुर के कमला नगर कलेक्टरगंज के रहने वाले ज्ञानेंद्र भान त्रिपाठी पेशे से वकील हैं. ज्ञानेंद्र को अपने साले के बेटे की शादी में शामिल होने जाना था. इसके लिए उन्होंने 21 नवंबर 2023 को जूते खरीदे और ऑनलाइन पेमेंट किया, जिसकी रसीद भी उनके पास है. जूते की 6 महीने की गारंटी बताई गई, लेकिन चार से पांच दिनों में जूता फट गया. इसके कारण ज्ञानेंद्र अपने साले की शादी में नहीं जा सके.

ज्ञानेंद्र का कहना है कि इसी कारण वह मानसिक तनाव में आकर बीमार पड़ गए. कानपुर के निजी अस्पताल में इलाज कराया, जिसमें 10 हजार रुपये का खर्च आया. जब मानसिक रूप से स्वस्थ हुए तो 19 जनवरी 2024 को अपने वकील साथी के माध्यम से दुकानदार को नोटिस भेजा और 15 दिनों के अंदर इलाज में खर्च हुए 10 हजार रुपये, रजिस्ट्रेशन के 2100 रुपये और के जूते के 1200 रुपये वापस करने की मांग की है.

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ज्ञानेंद्र ने नोटिस के माध्यम से दुकानदार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि अगर दुकानदार ने ऐसा नहीं किया तो कोर्ट  के माध्यम से अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे.

पूरे मामले को लेकर पीड़ित ने क्या कहा?

ज्ञानेंद्र भान त्रिपाठी ने कहा कि 21 नवंबर को मैंने जूते खरीदे थे. मुझे अपने साले के लड़के के शादी में जाना था, मैं शादी में जा नहीं सका. जूता चार पांच दिन में खराब हो गया. तब से मैं बिना जूते के चप्पल के हूं. हमने वकील के जरिए नोटिस भेजा है. मैं मानसिक रूप से बीमार हो गया था, जिसका इलाज कानपुर में कराया. मैं चाह रहा हूं मुझे न्याय मिले.

दुकानदार ने कहा- मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है

इस मामले में शू शॉप ऑनर सलमान हुसैन ने कहा कि ज्ञानेंद्र भान त्रिपाठी ने मेरी दुकान से जूते लिए थे, लेकिन मैंने बाटा ओरिजनल बताकर उन्हें नहीं दिया. जो जूते उन्होंने लिए थे, वह 50 पर्सेंट ऑफ में दिए गए थे. जो बिल उनको दिया गया है, उसमें 6 महीने के अंदर जूते का सोल खराब होने की वारंटी दी थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. वह जबरदस्ती मेरे ऊपर दबाव बना रहे हैं. उनके सारे आरोप बेबुनियाद हैं.

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