Gorakhpur: जेल में भी बाज नहीं आ रहा फर्जी IAS ललित किशोर, कैदियों को जमानत दिलाने का दे रहा झांसा

गोरखपुर जेल में बंद फर्जी आईएएस ललित किशोर अब कैदियों को ठगने की नई स्क्रिप्ट लिख रहा है. वह डायरी-पेन लेकर बंदियों के केस नोट करता है और जमानत दिलाने का झांसा देकर रौब झाड़ता है. हालांकि, उसकी असलियत जानकर अब कैदी उसे 'ललित 420' कहकर बुलाने लगे हैं.

Advertisement
गोरखपुर में पकड़ा गया फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर (Photo- ITG) गोरखपुर में पकड़ा गया फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर (Photo- ITG)

गजेंद्र त्रिपाठी

  • गोरखपुर ,
  • 23 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

गोरखपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह अब जेल के भीतर भी अपनी ठगी की नई स्क्रिप्ट लिख रहा है. खुद को निर्दोष बताकर वह बंदियों को जमानत दिलाने का झांसा दे रहा है, हालांकि कई कैदी उसकी असलियत जानकर उसे 'ललित 420' कहने लगे हैं.

दरअसल, गुलरिया थाना पुलिस ने 10 दिसंबर को फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित को दो साथियों समेत गिरफ्तार कर जेल भेजा था. वर्तमान में जेल के मिलेनियम बैरक में बंद ललित वहां मौजूद कैदियों पर रौब गांठने के लिए एक डायरी और पेन रखता है. वह कैदियों के केस की डिटेल नोट कर उन्हें विश्वास दिलाता है कि बाहर निकलते ही सबकी बेल करा देगा. 

Advertisement

उसकी ठगी का खुलासा तब हुआ जब 7 नवंबर 2025 को रेलवे स्टेशन पर एक ठेकेदार 99.9 लाख रुपये के साथ पकड़ा गया और उसने इस रकम को ललित का बताया.

जेल के अंदर बनाई नई 'चेला' मंडली

ठगों का सरदार ललित किशोर जेल के भीतर भी अपनी पुरानी आदतों से बाज नहीं आ रहा है. वह साथी कैदियों के बीच खुद को एक पावरफुल अधिकारी के रूप में पेश करता है. वह बंदियों को कहानी सुनाता है कि उसे महज फर्जीवाड़े के शक में पकड़ा गया है और वह जल्द ही बाहर होगा. रौब झाड़ने के लिए वह लगातार कैदियों से उनके केस की फाइल मांगता है और उन्हें नोट करता है ताकि लोग उसका काम मुफ्त में करें.

कैदियों ने रख दिया 'ललित 420' नाम

ललित की इन हरकतों से जेल प्रशासन और अन्य बंदी भी हैरान हैं. हालांकि, कुछ पुराने और शातिर कैदी उसकी इस चाल को भांप चुके हैं. उन्होंने अब उसे भाव देना बंद कर दिया है और जेल के भीतर उसे 'ललित 420' के नाम से पुकारना शुरू कर दिया है. जेलर अरुण कुमार के मुताबिक, सुरक्षा और निगरानी के मद्देनजर उसे फिलहाल मिलेनियम बैरक (क्वारंटीन बैरक) में रखा गया है, जहां से बाद में उसे अल्फाबेट के आधार पर दूसरी बैरक में शिफ्ट किया जाएगा.

Advertisement

बिहार चुनाव और करोड़ों की ठगी का कनेक्शन

ललित के फर्जीवाड़े का जाल बहुत गहरा है. नवंबर में बिहार निवासी ठेकेदार माधव मुकुंद से जब्त हुए करीब एक करोड़ रुपये ने इस ठग की पोल खोली थी. पूछताछ में पता चला कि यह पैसा बिहार चुनाव में खपाया जाना था. ललित की गिरफ्तारी के बाद अब तक गुलरिया थाने में पांच पीड़ित सामने आ चुके हैं, जिन्हें उसने अच्छी जमीन दिलाने के नाम पर लाखों का चूना लगाया है. फिलहाल, पुलिस इस फर्जी आईएएस के अन्य कारनामों की भी जांच कर रही है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement