यूपी के गोरखपुर में पकड़े गए फर्जी IAS गौरव कुमार उर्फ ललित किशोर को लेकर कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस पूछताछ और जांच में जो बातें सामने आईं, वे सुनकर अधिकारी भी चौंक गए. करोड़ों की ठगी, फर्जी आईडी, सरकारी ठेके दिलाने का झांसा, चार राज्यों में नेटवर्क… इन सबके बीच पुलिस को पता चला कि उसकी चार गर्लफ्रेंड थीं, जिनमें से तीन इस समय प्रेग्नेंट हैं.
हैरानी की बात यह है कि चारों लड़कियों को यही लग रहा था कि वे एक असली IAS अधिकारी से प्यार कर रही हैं. लड़कियों से जब पुलिस ने बात की तो उन्होंने बताया कि उसका रुतबा देखकर उन्हें लगा कि वो आईएएस है. वे आईएएस समझकर ही उसकी बातों में आ गईं.
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने गौरव के मोबाइल की चैट और कॉल रिकॉर्ड खंगाले तो उसकी IAS लाइफस्टाइल का फर्जी जाल सामने आ गया. जिन चार लड़कियों से वह रिश्ते में था, पुलिस ने उनसे बात की. तीनों प्रेग्नेंट लड़कियों ने लगभग एक जैसी बातें कहीं.
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गौरव लड़कियों को इम्प्रेस कर चुका था. वे उसकी बातों में आकर रिश्ते में आ गईं. ललित अपना नाम गौरव बताता था. वह सफेद इनोवा पर लाल-नीली बत्ती लगाता, काफिले जैसा मूवमेंट करता, सरकारी स्टाइल के दौरे करता और AI से तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज दिखाता था.
गौरव के फोन से मिली चैट में लड़कियों के साथ बातचीत, प्यार के संदेश, भविष्य की योजनाएं सब मिला है. इन्हें देखने के बाद पुलिस को अंदाजा हुआ कि लड़कियों को इस धोखे का कोई आभास नहीं था. गौरव पहले ही एक लड़की से लव मैरिज शादी कर चुका था. इस बात की जानकारी भी उसकी चारों गर्लफ्रेंड में से किसी के पास नहीं थी.
जब पुलिस ने लड़कियों को फर्जी आईएएस के बारे में बताया तो सभी हैरान रह गईं. एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि गौरव ने यूपी, बिहार, एमपी व झारखंड में जाल फैला रखा था. मोबाइल, डॉक्यूमेंट और लेन-देन की जांच में कई बातें सामने आई हैं.
गौरव उर्फ ललित किशोर पुलिस के शिकंजे में कैसे आया?
पूरा मामला तब सामने आया, जब बिहार चुनाव के दौरान गोरखपुर जीआरपी ने 99 लाख रुपये के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने गोरखपुर के IAS गौरव कुमार सिंह का नाम लिया. पुलिस को यहीं पहली बार शक हुआ कि कहीं कोई बड़ा खेल तो नहीं चल रहा.
इसके बाद गोरखपुर पुलिस ने गौरव को सर्विलांस पर लिया, उसकी लोकेशन ट्रैक की गईं और फोन डेटा खंगाला गया. इसी के बाद पूरी कहानी सामने आ गई। जांच हुई तो एक कारोबारी ने भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि गौरव ने 450 करोड़ का टेंडर दिलाने का भरोसा देकर उससे 5 करोड़ रुपये और दो इनोवा कारें ले लीं. जब तमाम सबूत एक जगह इकठ्ठा हो गए तो गोरखपुर पुलिस ने निगरानी बढ़ाई और आखिरकार उसे ट्रेस कर पकड़ लिया गया.
गजेंद्र त्रिपाठी