एक्सपायर्ड दवाओं पर डालते थे नई तारीख... फिर मार्केट में कर देते थे सप्लाई, मेरठ में मिला बड़ा स्टॉक

मेरठ में पुलिस और औषधि निरीक्षक की टीम ने छापेमारी कर लाखों की एक्सपायर दवाओं का जखीरा बरामद किया है. जांच में सामने आया है कि इन दवाइयों की एक्सपायरी डेट मिटाकर नई तारीख डाली जा रही थी, जिससे इन्हें फिर से मार्केट में बेचा जा सके. छापेमारी के दौरान आरोपी मौके से फरार हो गए. पुलिस अब इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है.

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डेट बदलकर बेच रहे थे एक्सपायर दवाएं. डेट बदलकर बेच रहे थे एक्सपायर दवाएं.

उस्मान चौधरी

  • मेरठ,
  • 06 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

UP News: मेरठ के सरधना इलाके में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक्सपायर दवाइयों का जखीरा मिला है. इन एक्सपायर्ड दवाओं की डेट बदलकर उन पर नई तारीख डाली जा रही थी और फिर मार्केट में सप्लाई किया जा रहा था. छापेमारी से पहले आरोपी मौके से फरार हो गए. मंडल औषधि निरीक्षक के नेतृत्व में टीम ने जांच पड़ताल कर दवाइयां कब्जे में ले ली हैं.

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दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि मेरठ रोड स्थित एक मकान में बड़ी मात्रा में एक्सपायर्ड दवाइयां रखी गई हैं, जिनकी डेट बदलकर मार्केट में सप्लाई किया जा रहा है. पुलिस ने सूचना पर छापेमारी की, इस दौरान बड़ी तादाद में एक्सपायर दवाइयों का जखीरा मिला.

जांच में पता चला कि यह दवाइयां 2019 से 2023 के बीच एक्सपायर हो चुकी हैं और इनकी एक्सपायरी डेट को केमिकल से मिटाकर और दवाइयां के रैपर पर मशीन से दोबारा नई डेट डालकर बाजार में बेचा जा रहा था. छापेमारी के बाद औषधि निरीक्षक की टीम मौके पर पहुंची, जिसने जांच-पड़ताल कर दवाइयों को कब्जे में ले लिया. पकड़ी गई दवाई की कीमत लाखों में बताई जा रही है.

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इस मामले में जिला औषधि निरीक्षक पीयूष शर्मा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि इस परिसर के अंदर एक्सपायर दवाइयां रखी गई हैं और उनको रीप्रिंटि करके मार्केट में बेचा जा रहा है. इस मकान में जितनी भी दवाइयां मिली हैं, सभी एक्सपायर हैं. यहां मशीन भी मिली हैं, जिससे प्रिंटिंग की जा रही थी. दवाएं सील कर दी हैं. आरोपी फरार है.

आरोपियों के पकड़े जाने पर पूछताछ की जाएगी कि यह कब से हो रहा था और कहां-कहां दवाओं की सप्लाई की जा रही थी. कहां से ये दवाइयां खरीदी जा रही थीं. कई लाख का माल है, जो यहां पकड़ा गया है. इन दवाइयां से कोई फायदा नहीं होता. दवाई किसी बीमारी के लिए ली जाती है, उसमें ये काम नहीं करती, क्योंकि उसकी क्षमता खत्म हो चुकी होती है. यह अलग क्षेत्र में गुपचुप तरीके से काम किया जा रहा था. इस मामले में FIR की जाएगी.

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