सफाई कर्मी ने फर्जी एडमिन ID और पासवर्ड से गरीबों का पैसा पर्सनल अकाउंट में किया ट्रांसफर

इटावा जिले में PFMS (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल पर फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें सफाई कर्मी ने सरकारी पोर्टल की एडमिन आईडी और पासवर्ड बदलकर गरीबों के खातों से पैसे पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. जिस सरकारी खाते से ये पैसे ट्रांसफर किए गए, उसमें एक करोड़ 27 लाख रुपये थे. पुलिस ने इस मामले में जिला प्रोजेक्ट मैनेजर (DPM) सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

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सफाई कर्मी ने ट्रांसफर कर लिए 1 करोड़ 27 लाख. (Representational image) सफाई कर्मी ने ट्रांसफर कर लिए 1 करोड़ 27 लाख. (Representational image)

अमित तिवारी

  • इटावा,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST

यूपी के इटावा जिले में पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) सरकारी पोर्टल पर एडमिन आईडी और पासवर्ड में हेराफेरी कर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. विभागीय डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर (DPM) की मिलीभगत से सफाई कर्मी ने गरीबों के बैंक खातों से पैसा निकालकर अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया. जिस सरकारी खाते ये पैसे ट्रांसफर हुए, उसमें एक करोड़ 27 लाख रुपये थे. पुलिस ने डीपीएम समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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इटावा में जिला पंचायत राज विभाग से जुड़ा यह मामला, तब उजागर हुआ, जब वरिष्ठ अधिकारी डीपीआरओ ने PFMS पोर्टल पर लॉगिन करने की कोशिश की. उन्होंने पाया कि पोर्टल की एडमिन आईडी और पासवर्ड बदल चुका है. इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी शिकायत पुलिस से की गई. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. 

जांच में सामने आया कि सहारनपुर के डीपीआरओ विभाग में स्वच्छता सफाई कर्मी के पद पर तैनात व्यक्ति ने ही इटावा के पीएफएमएस पोर्टल का एडमिन आईडी और पासवर्ड बदलकर फर्जी फर्म बनाई, इसके बाद मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बदलकर गरीबों का पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया. जांच में यह भी पता चला कि विभागीय अधिकारी डीपीएम (डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर) की मिली भगत से यह सब हुआ है. इसके बाद पुलिस ने डीपीएम सहित सहारनपुर से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

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जिला पंचायत राज विभाग स्वच्छता के कार्यक्रमों और सरकारी योजनाओं को लागू कराने में मदद करता है. इसमें पीएफएमएस पोर्टल (पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम) में सरकारी पैसा आता है, जिसका उपयोग शौचालय निर्माण, स्वच्छता और स्वच्छता के अन्य कार्यक्रमों में प्रयोग में लाया जाता है. इन योजनाओं का लाभ गरीबों को मिलता है. इन योजनाओं के लिए सवा करोड़ से अधिक रुपये इटावा के लिए आवंटित हुआ था.

इस पूरे मामले की जांच के दौरान पता चला कि सफाई कर्मी ने फर्जी फर्म बनाकर पोर्टल पर अपनी आईडी और पासवर्ड बदले, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी बदल दिए. इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब गरीब लोगों के खातों से 40 लाख रुपये की ट्रांजेक्शन की गई थी. पुलिस ने तत्काल सहारनपुर से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस पूरे मामले की जांच पड़ताल जारी है.

मामले को लेकर क्या बोले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक?

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि डीपीआरओ के द्वारा अप्रैल महीने में आईटी एक्ट सहित धाराओं में केस दर्ज करवाया गया था, जिसमें कहा गया कि पासवर्ड और एडमिन आईडी को बदलकर उसका दुरुपयोग किया गया है, एक करोड़ 27 लाख अकाउंट में थे, इसमें ट्रांजेक्शन किया गया है. 40 लाख का ट्रांजेक्शन करना था, तब मामला खुला.

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इसका कनेक्शन सहारनपुर से पाया गया है. डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर जो कि सहारनपुर से ट्रांसफर होकर इटावा आए थे, इन्होंने पासवर्ड, यूजर आईडी सहारनपुर में तैनात सफाई कर्मी को बताकर उसके द्वारा बदलवा दी. मिलीभगत करके गरीबों का पैसा अपने पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया. गरीबों की सिम लेकर उनके खातों को अपने पास कर लिया था. इस मामले में कार्रवाई करते हुए सहारनपुर से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. और भी लोगों के मिलीभगत की संभावना है. इस पर तफ्तीश जारी है.

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