उत्तर प्रदेश के एटा में एक शातिर बेटी अपने पिता की मृत्यु के बाद सालों तक उनकी पेंशन के रुपयों पर ऐश करती रही. जब जिला प्रशासन ने मामले की जांच करवाई तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में पेश करके महिला को जेल भेज दिया गया है. फिलहाल मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.
मामला अलीगंज तहसील के कूंचादायम खां मोहल्ला का है. यहां रहने वाले विजारत उल्ला खां 30 नवंबर 1987 को लेखपाल के पद से रिटायर हुए थे. इस दौरान कुछ साल बाद विजारत उल्ला खां की बेगम साविया का निधन हो गया. फिर 2 जनवरी 2013 को विजारत का भी निधन हो गया.
लेकिन उनकी बेटी मोहसिना परवेज पत्नी फारूख अली ने पेंशन प्रपत्रों में खुद को विजारत की बेगम दिखाकर उनकी पेंशन लेना शुरू कर दी. 10 साल तक किसी को भी इसकी भनक नहीं लगी. लेकिन झूठ ज्यादा कभी न कभी पकड़ा ही जाता है. मोहसिना के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ. मामला उपजिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के संज्ञान में आया. जिसके बाद उन्होंने इस मामले की जांच करवाई.
जांच में पाया गया कि मोहसिना ने पेंशन प्रपत्रों में साविया बेगम बनकर शायकीय धन का दुरूपयोग किया है. दरअसल, रजिस्ट्रार कानूनगो राजकपूर ने अलीगंज कोतवाली में इसे लेकर एफआईआर दर्ज करवाई थी. उपरोक्त मामले में पुलिस ने मोहसिना के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. महिला लंबे समय से फरार चल रही थी, जिसे पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. उसे कोर्ट के समक्ष पेश करके जेल भेज दिया गया.
10 साल में 12 लाख रुपये डकार चुकी है महिला
आरोपी महिला अब तक पेंशन के 12 लाख रुपये डकार चुकी है. फिलहाल पुलिस इस मामले में आगामी कार्रवाई कर रही है.
(एटा से देवेश पाल की रिपोर्ट)
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