यूपी के देवरिया में हुए पुरोहित रामाशीष पांडेय हत्याकांड का खुलासा हो गया है. 55 वर्षीय रामाशीष का शव 15 जुलाई को उनके घर से बरामद हुआ था. उनकी पेचकस से निर्मम तरीके से हत्या की गई थी. वह अपने घर में अकेले रहते थे और पूजा-पाठ कर अपनी आजीविका चलाते थे. पत्नी और बेटा कोलकाता में रह रहे थे.
आपको बता दें कि पूरा मामला देवरिया के बरहज थाना स्थित धौला गांव का है. पुलिस ने पुरोहित रामाशीष पांडेय की हत्या के मामले में तीन लड़कों को गिरफ्तार किया है. पुलिसिया पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पुरोहित की हत्या क्यों की थी?
आरोपियों ने बताया कि वो तीनों चोरी के लिए पुरोहित रामाशीष के घर गए थे. मगर अचानक रामाशीष की नींद खुल गई. पहचाने जाने के डर से उन्होंने पुरोहित को पकड़ लिया और वहां रखे पेचकस से उनकी निर्मम हत्या कर दी. सुबह उनकी लाश लहूलुहान हालत में मिली थी.
आरोपियों के पास से पुलिस ने पेचकस, चोरी किए 860 रुपये, मृतक का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बीमा कार्ड, ATM व तीन मोबाइल बरामद किए हैं. तीनों आरोपियों के नाम- सन्नी, अमित और भोलू प्रसाद हैं.
एसपी विक्रांत वीर ने जानकारी देते हुए बताया- 15 जुलाई को हत्या का एक मामला सामने आया था, जिसमें केस दर्ज करके पुलिस जांच-पड़ताल कर रही थी. अब घटना का खुलासा किया गया है. तीनों हत्यारोपी मृतक के गांव के ही हैं, जो चोरी के इरादे से पुरोहित के घर में घुसे थे. मगर उनके जाग जाने से डर के मारे हत्याकांड को अंजाम दे डाला.
राम प्रताप सिंह