सगे फूफा ने 9 साल के बच्चे की दे दी बलि... यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल है आरोपी, देवरिया में डरावना कांड

उत्तर प्रदेश के देवरिया से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां तंत्र-मंत्र के अंधविश्वास में एक 9 साल के बच्चे की बलि दे दी गई. बच्चे की हत्या उसके सगे फूफा ने अपने मामा और रिश्तेदारों की मदद से की. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.

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सगे फूफा ने मासूम बच्चे की दे दी बलि. (File Photo: ITG) सगे फूफा ने मासूम बच्चे की दे दी बलि. (File Photo: ITG)

राम प्रताप सिंह

  • देवरिया,
  • 03 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

उत्तर प्रदेश के देवरिया में तंत्र-मंत्र के चक्कर में 9 साल के बच्चे की बलि देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बच्चे की हत्या करने वाला बच्चे का सगा फूफा है, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर गोंडा में तैनात था. इस खौफनाक कृत्य में आरोपी के अन्य रिश्तेदारों ने भी साथ दिया. पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया गया है.

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यह मामला भलुअनी थाना इलाके के ग्राम पटखौली का है. यहां रहने वाले योगेश कुमार गौड़ नाइजीरिया में नौकरी करते हैं. घर पर पत्नी और 9 साल का बेटा आरुष रहते हैं. 16 अप्रैल की शाम लगभग 6 बजे आरुष घर से बाहर गया, लेकिन वापस नहीं लौटा. इस संबंध में सोमनाथ ने अपने भतीजे आरुष के गुमशुदा होने की शिकायत भलुअनी थाने में दर्ज कराई. तभी से पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी थी.

सीओ अंशुमन श्रीवास्तव के नेतृत्व में कई टीमें जांच में लगी थीं. पुलिस के मुताबिक, बच्चे की बलि देने वाला आरोपी इन्द्रजीत पहले सूअर और बकरे की बलि दे चुका था, लेकिन इस बार उसने नरबलि देने की साजिश रची थी.

आरोपी इंद्रजीत गौड़ की शादी दिसंबर 2024 में पटखौली में मासूम बच्चे आरुष की बुआ से हुई थी. शादी के बाद इंद्रजीत ससुराल आया. तभी से वह तंत्र-मंत्र के चक्कर में लगा था. ससुराल वाले भी उससे परेशान हो गए. इसके बाद इंद्रजीत झाड़फूंक के लिए अपने मामा जय प्रकाश के पास गया, जहां मामा ने नरबलि देने की बात कही.

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मामा के कहने पर इंद्रजीत ने अपने साढू शंकर गौड़ को पूरी बात बताई. शंकर गौड़, आरुष का मझला फूफा है और गोरखपुर का रहने वाला है. इंद्रजीत ने शंकर से 50 हजार रुपये में एक बच्चे की व्यवस्था करने के लिए कहा. इस पर शंकर गौड़ ने अपने साले के बेटे आरुष को ही बहला-फुसलाकर अगवा किया, अपने घर पर रखा और फिर बच्चे को इंद्रजीत को सौंप दिया. 

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इसके बाद 19 अप्रैल की रात इंद्रजीत अपने मामा जय प्रकाश और मौसी का लड़का भीम के साथ ग्राम पिपरा के एक बगीचे में रात को तंत्र मंत्र करने पहुंचा. वहां उसके मामा और मौसी के लड़के ने बच्चे के हाथ पैर पकड़े और इंद्रजीत ने आरुष की गला रेतकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को दफन कर लौट गए. 20 अप्रैल को भीम चूंकि मैजिक वाहन चलाने का काम करता है तो गाड़ी लेकर बगीचे में इंद्रजीत के साथ पहुंचा. वहां दिन में शव, जो पॉलीबैग में था, उसे निकालकर गाड़ी में लादा और बरहज नदी के बीचों बीच ले जाकर फेंक दिया.

बच्चे की हत्या के बाद इंद्रजीत ससुराल आकर बच्चे को ढूंढ़ने का नाटक करने लगा. शिकायत मिली तो जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी. वहीं जब इंद्रजीत के मामा को हिरासत में लिया गया तो पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया. पुलिस ने इस घटना में प्रयुक्त चाकू व मैजिक वाहन, बाइक और फावड़ा बरामद किया है. एक अन्य बाइक भी पुलिस ने बरामद की है.

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इस हत्याकांड में बच्चे का सगा फूफा इंदजीत गौड़ ग्राम पैकौली थाना सुरौली देवरिया का रहने वाला है. वहीं मझला फूफा यानी इंद्रजीत का साढू शंकर गौड़ उर्फ रमाशंकर गोरखपुर के गगहा का रहने वाला है. इसके अलावा इंद्रजीत का मामा जय प्रकाश गौड़ डुमरी मदनपुर देवरिया का रहने वाला है. इंद्रजीत का मौसी का बेटा भीम गौड़ परसिया मिसकारी में रहता है.

इस पूरे मामले में एसपी विक्रांत वीर ने बताया कि थाना भलुअनी जिला देवरिया में 17 अप्रैल को सोमनाथ गौड़ ने अपने भतीजे आरुष के गुमशुदा होने की शिकायत की थी. इसको लेकर टीमों का गठन किया गया था. टीमें लगी हुई थीं. अब पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है. इस बच्चे के करीबी चार रिश्तेदार ही आरोपी है. इन आरोपियों ने बच्चे का अपहरण कर नरबलि देने के कारण हत्या कर दी और लाश नदी में फेंक दी.

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