सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश का भविष्य जिस युवा पीढ़ी के हाथों में है, उसी के सामने दो ऐसे ख़तरे खड़े हैं जो उसकी ऊर्जा, आत्मविश्वास और दिशा तीनों पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं. पहला ड्रग्स का नशा और दूसरा मोबाइल या स्मार्टफोन का नशा. उन्होंने चेताया कि यदि युवा इन दोनों जालों से स्वयं को नहीं बचाते हैं, तो न केवल वे अपना जीवन खो देंगे, बल्कि राष्ट्र भी अपनी अमूल्य शक्ति को गंवा बैठेगा.
मुख्यमंत्री महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) उपस्थित रहे.
जीवन में वही जीतता है जो धैर्य और हिम्मत नहीं छोड़ता
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को हार न मानने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि जीवन में हार तब होती है जब दृष्टिकोण नकारात्मक हो जाता है. उन्होंने कहा कि दूसरों को दोष देने से कुछ नहीं बदलेगा. अंधकार को कोसने की बजाय यदि हम मिलकर एक छोटा-सा दीपक जलाने का संकल्प लें, तो कई समस्याएं स्वतः दूर हो जाएंगी. हिम्मत न हारने वाला ही आगे बढ़ता है.
शॉर्टकट नहीं, कठिन परिश्रम ही है सफलता का मार्ग
मुख्यमंत्री ने छात्रों को चेताया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. जीवन में शॉर्टकट अपनाने वाले लोग अक्सर रास्ता ही खो देते हैं. असली सफलता मेहनत, ईमानदारी और सतत प्रयास से मिलती है. इसलिए टीमवर्क, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और अनुशासन को अपनाइए. ये सिर्फ खेलों में ही नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे तकनीक जीवन को आसान बना रही है, चुनौतियां भी बढ़ रही हैं, इसलिए युवाओं को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से तैयार रहना होगा.
नशे का माफिया तेजी से घुसपैठ कर रहा, सतर्क रहिए
समारोह में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को स्पष्ट शब्दों में सावधान किया कि नशा माफिया युवा मन पर कब्ज़ा जमाने की कोशिश में है. उन्होंने कहा कि एक शिक्षक और अभिभावक के रूप में मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि आपको चौकन्ना रहना होगा. नशा माफिया हर उस दरार से अंदर घुसने की कोशिश करता है, जहां थोड़ी-सी कमजोरी मिलती है. संस्थाओं को भी उतनी ही जिम्मेदारी से सजग रहना पड़ेगा. सीएम ने कहा कि युवाओं को इस खतरे के खिलाफ एक नई लड़ाई के लिए तैयार होना चाहिए. उन्होंने चेताया कि देश का दुश्मन विभिन्न रूपों में समाज की कमजोर कड़ियों को निशाना बनाता रहता है, इसलिए अवसर न दिए जाएं.
मोबाइल का अति-उपयोग से आंखों, मस्तिष्क और विवेक तीनों पर हमला
सीएम योगी ने मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग को युवाओं के लिए धीमा ज़हर बताया. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन उपयोगी है, लेकिन इसकी लत क्षमता में गिरावट लाती है. स्मार्टफोन आपकी आंखों की रोशनी को कम करेगा, मस्तिष्क को कुंद कर देगा और विवेक को कमजोर करेगा. बुद्धि, तर्क, एकाग्रता और शरीर सब पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा. इसलिए जरूरी है कि मोबाइल का उपयोग जितना सीमित हो सके, उतना करें. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि धीरे-धीरे मोबाइल पर बिताए जाने वाले समय को कम करें. एकाएक छोड़ पाना कठिन है, पर रोज थोड़ा घटाइए. आधा घंटा या एक घंटा बस उतना ही उपयोग करें जितना बिल्कुल आवश्यक हो.
तकनीक से मत डरिए; नए अवसर स्वयं बनेंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तकनीक को अवसरों का विस्तार बताया. उन्होंने कहा कि आज दुनिया AI, IoT, ड्रोन, रोबोटिक्स के युग में प्रवेश कर चुकी है. हममें से कोई भी तकनीक से अलग नहीं रह सकता, न रहना चाहिए. यह धारणा बिल्कुल गलत है कि तकनीक आने से रोजगार खत्म हो जाएंगे. सच्चाई यह है कि जहां तकनीक प्रवेश करती है, वहां नए अवसर पैदा होते हैं. जरूरत यह है कि हम खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से उस बदलाव के अनुरूप तैयार करें. उन्होंने शिक्षा संस्थानों से आग्रह किया कि वे छात्रों में कौशल, टीमवर्क और तकनीकी दक्षता विकसित करने को प्राथमिकता दें.
उत्कृष्टता का सम्मान : करीब डेढ़ सौ पुरस्कार मंच से वितरित
कार्यक्रम में उत्साह उस समय और बढ़ गया जब उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थानों, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री योगी और राज्यपाल गुरमीत सिंह ने संयुक्त रूप से लगभग डेढ़ सौ पुरस्कार मंच से प्रदान किए. अलग-अलग संस्थाओं और विभागों के जरिए करीब सात सौ पुरस्कार और वितरित किए जाने हैं. सम्मान पाने वालों में स्नातकोत्तर, स्नातक, हाईस्कूल व इंटर के मेधावी विद्यार्थी, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता, उत्कृष्ट शिक्षक, कर्मचारी और परिचारक शामिल रहे.
गजेंद्र त्रिपाठी