पश्चिम यूपी के इस बड़े शहर को सीएम योगी की सौगात, 15 हजार करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ एक ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, जिसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का प्रेरणादायी केंद्र बनाया जाना चाहिए. उन्होंने इस योजना को मेरठ के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मील का पत्थर बताया और सभी परियोजनाओं को पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप क्रियान्वित करने के निर्देश दिए.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों संग बैठक की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों संग बैठक की

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 20 मई 2025,
  • अपडेटेड 9:20 AM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ को आधुनिक बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक पहचान के साथ विकसित करने की दिशा में इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान की समीक्षा की. बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत 93 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है. इनमें से छह परियोजनाओं पर कार्य आरंभ हो चुका है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ एक ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, जिसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का प्रेरणादायी केंद्र बनाया जाना चाहिए. उन्होंने इस योजना को मेरठ के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मील का पत्थर बताया और सभी परियोजनाओं को पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप क्रियान्वित करने के निर्देश दिए.

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मेरठ की पहचान को मिल रही नई दिशा

न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ का स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा इतिहास, खेल उद्योग में अग्रणी भूमिका, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता इसे एक विशेष स्थान प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि इस योजना में स्थानीय पहचान, परंपरागत शिल्प और सांस्कृतिक विरासत को विशेष रूप से संरक्षित करते हुए विकास कार्य किए जाने चाहिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्मार्ट मेरठ की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए शहर में केवल डिजिटल होर्डिंग लगाए जाएं, पूरे नगर को सीसीटीवी नेटवर्क से जोड़ा जाए और निगरानी व्यवस्था को व्यापारिक प्रतिष्ठानों व आम नागरिकों की भागीदारी से और मजबूत किया जाए. उन्होंने कहा कि निगरानी फुटेज आवश्यकता पड़ने पर पुलिस के लिए आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए.

सार्वजनिक सुविधाएं और स्वच्छता व्यवस्था होगी मजबूत

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मुख्यमंत्री ने नगर में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, नदियों के पुनर्जीवन, और स्वच्छता अभियानों को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मेरठ को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में स्थापित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, सार्वजनिक परिवहन में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, और सीवरेज-ड्रेनेज प्रबंधन को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से विकसित करने पर विशेष बल दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि एसटीपी की तकनीक के साथ-साथ प्राकृतिक जल प्रवाह को बनाए रखते हुए ड्रेनेज की व्यवस्था की जानी चाहिए.

स्मार्ट रोड और इनर रिंग रोड से जुड़ेगा नया मेरठ

बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि "सीएम ग्रिड मेरठ" योजना के तहत प्रमुख सड़कों को स्मार्ट रोड के रूप में विकसित किया जाएगा, जिनमें भूमिगत यूटिलिटी डक्ट, एलईडी लाइटें, संकेत व्यवस्था और फुटपाथ जैसी सुविधाएं शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि भविष्य में बार-बार खुदाई से बचने के लिए यूटिलिटी डक्ट का निर्माण सड़क निर्माण के साथ ही किया जाए. साथ ही, मुख्यमंत्री ने वेस्टर्न रिंग रोड (52 किमी) और इनर रिंग रोड जैसी परियोजनाओं को मेरठ की भीड़-भाड़ से निजात दिलाने में सहायक बताया. उन्होंने अबू नाला, दौराला, गढ़ रोड, मसूरी और परिक्षितगढ़ मार्ग जैसे मार्गों के चौड़ीकरण और सुगम संपर्क की दिशा में ठोस कार्यवाही के निर्देश दिए.

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सांस्कृतिक और विरासती स्थलों को मिलेगा नया जीवन

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ जैसे ऐतिहासिक नगर में सांस्कृतिक स्थलों का पुनरुद्धार भी प्राथमिकता में होना चाहिए. उन्होंने संजय वन, सूरजकुंड, विक्टोरिया पार्क, तालाबों और अन्य विरासती स्थलों को संरक्षित और विकसित करने के निर्देश दिए. "मेरठ मंडपम" की परियोजना को सांस्कृतिक आयोजनों के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए उन्होंने इसे नगर की सांस्कृतिक पहचान का केंद्र बनाने की बात कही.

मेरठ बनेगा ज्वेलरी हब

मुख्यमंत्री योगी ने मेरठ की पारंपरिक आभूषण निर्माण कला को संगठित रूप देते हुए इसे ज्वेलरी हब के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया. उन्होंने कारीगरों के लिए साझा कार्यस्थलों, आधुनिक उपकरणों, विपणन सहायता और सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि, प्रति व्यक्ति आय में संभावित वृद्धि और शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए मेरठ के आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जाना अनिवार्य है. उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम, विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, लोक निर्माण और सिंचाई विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें.

मेरठ बने प्रदेश का मॉडल शहर

मुख्यमंत्री ने "इंटीग्रेटेड डिविजनल ऑफिस" की परियोजना को जनता से सीधे जुड़ा बताते हुए कहा कि इसका बाहरी स्वरूप मेरठ की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करे. उन्होंने कहा कि योजनाओं में हैकाथॉन 2.0 के माध्यम से मिले सुझावों को शामिल किया गया है, और आगे भी जनप्रतिनिधियों व आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की जाए.

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