कभी साइकिल से अंगूठी बेचता था छांगुर बाबा... फिर अचानक कैसे खड़ा कर दिया करोड़ों का साम्राज्य?

कभी साइकिल पर अंगूठी बेचने वाला छांगुर बाबा अचानक इतना अमीर कैसे बन गया? झारखंड एटीएस द्वारा गिरफ्तार धर्मांतरण गिरोह के सरगना जलाउद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की करोड़ों की कोठी और उसमें मौजूद लग्जरी सामानों ने सबको चौंका दिया है. आलीशान कमरे, विदेशी नस्ल के कुत्ते, मार्बल लगा अस्तबल और हाई वोल्टेज तारों से घिरा यह महल धर्मांतरण की साजिश के सबूतों का अड्डा बन गया है.

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छांगुर बाबा और उसकी आलीशान हवेली. छांगुर बाबा और उसकी आलीशान हवेली.

आशीष श्रीवास्तव

  • बलरामपुर/लखनऊ,
  • 09 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

कभी साइकिल पर गली-गली घूमकर अंगूठी बेचने वाला छांगुर बाबा देखते ही देखते करोड़ों के साम्राज्य का मालिक कैसे बन गया? बलरामपुर के लोग आज भी इस बात को समझ नहीं पा रहे. धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जब छांगुर बाबा की लग्जरी कोठी और उसकी आलीशान सुविधाओं का राज खुला तो अफसर भी हैरान रह गए.

बलरामपुर की हवेली से जो सुराग मिले हैं, वे सीधे एक बड़े धर्मांतरण नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं. एक स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि छांगुर बाबा पहले गली-गली घूमकर अंगूठी बेचता था. फिर एक बार मुंबई गया और लौटने के बाद जैसे उसकी किस्मत ही बदल गई.

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बलरामपुर में बनी छांगुर बाबा की हवेली किसी किले से कम नहीं है. ऊंची दीवारें, दीवारों पर करंट दौड़ते कांटेदार तार और अंदर बनी 18 से 20 कमरों वाली महलनुमा कोठी- यह सब देखकर स्थानीय लोग हैरान हैं. सीसीटीवी लगाने वाले एक टेक्नीशियन ने बताया कि बाबा ने उन्हें सिर्फ एक हिस्से में कैमरा लगाने दिया था. इसके लिए 3 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया था. पूरा घर देखने नहीं दिया गया, लेकिन अंदर की सजावट देखकर वह दंग रह गया था.

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जब छांगुर बाबा की कोठी के अंदर फ्लैट की तरह 2BHK-स्टाइल कमरे बने थे, जिनमें आलीशान बेड, किचन और अन्य लग्जरी सुविधाएं मौजूद थीं. वहां से उर्दू में लिखी किताबें और ‘कलावा’ भी मिला, जिससे यह संकेत मिला कि धर्मांतरण के दौरान पीड़ितों को झांसा देकर फंसाया जाता था.

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धार्मिक रंग में रंगी कोठी के भीतर विदेशी नस्ल के कुत्ते जैसे जर्मन शेफर्ड, ब्लैक डॉग और बुलडॉग थे, साथ ही घोड़े के लिए एक मार्बल से सजा अस्तबल भी था. बलरामपुर के अलावा लखनऊ में भी उसकी आलीशान हवेली है, जहां कई विदेशी प्रोडक्ट के साथ सीक्रेट सीसीटीवी मिले हैं.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जो व्यक्ति कभी साइकिल से अंगूठी बेचता था, वह अचानक इतने करोड़ों की संपत्ति का मालिक कैसे बना? क्या मुंबई से लौटने के बाद उसका संपर्क ऐसे नेटवर्क से हुआ, जो धर्मांतरण में शामिल था? एटीएस इस पूरे मामले की परतें खोलने में जुटी है.

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धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन और पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. मंगलवार को बलरामपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने छांगुर बाबा और उसके गिरोह के सदस्यों की अवैध रूप से कब्जाई गई सरकारी जमीन पर बनी संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया. 

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंगलवार को कहा कि प्रारंभिक जांच से स्पष्ट है कि आरोपी की गतिविधियां न सिर्फ समाजविरोधी हैं, बल्कि राष्ट्रविरोधी भी हैं. ऐसे अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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बता दें कि छांगुर बाबा को उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ शनिवार को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. दोनों बलरामपुर के मधपुर के रहने वाले हैं. छांगुर बाबा के खिलाफ पहले से गैर जमानती वारंट जारी था और उस पर 50,000 का इनाम घोषित था. दोनों को कोर्ट में पेश किए जाने के बाद रिमांड पर लेकर लखनऊ जिला जेल भेजा गया. इससे पहले, इसी केस में 8 अप्रैल को दो और आरोपियों जमालुद्दीन और जलालुद्दीन के बेटे महबूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों बलरामपुर के रहने वाले हैं और फिलहाल लखनऊ जिला जेल में बंद हैं.

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(एजेंसी के इनपुट के साथ)

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