लोकसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा प्रत्याशी आरके पटेल की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि 'अपनों ने हमें लूटा गैरों में कहा दम था, मेरी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था'. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो पहली बार चुनाव नहीं हारे हैं, पिछले 10 सालों में वो कई चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्होंने पांच जीते और पांच हारे हैं. बता दें, बांदा चित्रकूट से सपा गठबंधन प्रत्याशी कृष्णा पटेल ने भाजपा सांसद और प्रत्याशी को 71210 वोटों से हराया है.
आरके पटेल ने कहा कि पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी और नेताओं ने भीतरघात नहीं खुलकर घात किया. जाति के खिलाफ खुलकर अभियान चलाया. बड़े- बड़े नेता खुलकर विरोध कर रहे थे. सोशल मीडिया पर तरह-तहर की बातें फैलाईं गईं. मैं उन्हें नमन करता हूं, उन्हें जो आज भी मोदी के साथ खड़े हैं. साल 2014 भाजपा एक लाख से ज्यादा वोटों से जीती थी. यहां नेताओं ने कुर्मी वाद, ब्राह्मण वाद का अभियान खुलकर चलाया जिसकी वजह से हार हुई.
आरके पटेल ने हार के लिए बड़े नेताओं को जिम्मेदार ठहराया
बूथों पर बस्ता लगाने वालों को खुलेआम धमकी दी गई, जिसकी वजह से बस्ता नहीं लगाया गया. शीर्ष नेताओं से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक इस बारे में सबको पता है. आगे पार्टी इस पर क्या एक्शन लेगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
पार्टी के लोगों ने सोशल मीडिया पर जाति के खिलाफ अभियान चलाया
बांदा चित्रकूट में करीब 20 लाख मतदाता हैं, जिसमें सबसे ज्यादा ब्राह्मण और दलित हैं. इनकी संख्या 3-3 लाख के करीब है, फिर कुर्मी यानी पटेल डेढ़ लाख के करीब हैं. इस बार सोशल मीडिया में खुलकर मौजूदा सांसद का विरोध देखने को मिला था.
सिद्धार्थ गुप्ता