उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के एक जघन्य मामले में अदालत ने सख्त फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा दी है. यह निर्णय घटना के करीब ढाई साल के भीतर आया, जिसे पुलिस की निष्पक्ष विवेचना, मजबूत साक्ष्यों और प्रभावी पैरवी का परिणाम माना जा रहा है. मामला बबेरू कोतवाली क्षेत्र का है, जहां मई 2023 में 11 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ अमानवीय अपराध को अंजाम दिया गया था.
पीड़ित पिता के अनुसार, उनकी बेटी खेत की ओर जा रही थी, तभी आरोपी हुकुम चंद्र ने उसे रास्ते में पकड़ लिया. बच्ची के शोर मचाने से रोकने के लिए आरोपी ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और गमछे से हाथ-पैर बांध दिए. इसके बाद उसने दुष्कर्म किया और पीड़िता को गंभीर रूप से घायल अवस्था में छोड़कर फरार हो गया.
कुछ समय बाद परिजनों को नाबालिग खून से लथपथ और अचेत हालत में मिली. तत्काल उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर हायर सेंटर रेफर किया गया. घटना के बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया और विवेचना शुरू की. जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 9 गवाह पेश किए. सुनवाई के दौरान जज बदले गए और 20 से अधिक तारीखें पड़ीं, लेकिन पुलिस और अभियोजन की लगातार प्रभावी पैरवी के चलते ढाई साल के भीतर ही फैसला आ गया.
अदालत ने साक्ष्यों और दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए आरोपी हुकुम चंद्र को दोषी करार दिया और 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही आरोपी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. आरोपी घटना के बाद से ही जेल में बंद था.
बांदा के पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन ‘मिशन शक्ति’ और ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस लगातार प्रभावी पैरवी कर रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नाबालिगों के खिलाफ अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और कानून के तहत कठोर कार्रवाई जारी रहेगी.
सिद्धार्थ गुप्ता