बागपत की सड़कों पर हुआ हादसा अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है. 11 जुलाई 2025 को मेरठ रोड पर हरचंदपुर गांव का मजदूर आश मोहम्मद अपने साथी अमर को बाइक से छोड़ने जा रहा था. पीछे उसके भाई शादाब दूसरी बाइक से आ रहा था. इसी दौरान मेरठ की ओर से आई तेज रफ्तार क्रेटा कार ने आश मोहम्मद की बाइक को जोरदार टक्कर मारी.
कार इतनी बेकाबू थी कि आश मोहम्मद को कई बार रौंदा गया. घायल सड़क पर तड़पता रहा और उसका साथी अमर मदद की गुहार लगाता रहा. लेकिन गाड़ी से उतरे इंस्पेक्टर दीक्षित त्यागी ने मदद करना तो दूर, राहगीर की बाइक रोकी और मौके से फरार हो गए.
इंस्पेक्टर ने कार से युवक को कुचला
पीछे आ रहे शादाब ने साफ देखा कि गाड़ी से भागा व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि थाने का इंस्पेक्टर था. इसके बाद बालैनी टोल प्लाजा का CCTV फुटेज भी सामने आया जिसमें हादसे से पहले इंस्पेक्टर त्यागी उसी गाड़ी को चलाते हुए दिखे.
इसके बावजूद पुलिस ने मुकदमा गुमनाम आरोपी के खिलाफ दर्ज किया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्हें सच छिपाने के लिए कभी धमकाया गया तो कभी समझौते के लिए पैसे का दबाव बनाया गया.
पुलिस के अफसरों ने मामले पर साधी चुप्पी
मृतक की बहन रशीदा का कहना है कि उसका भाई सड़क पर मदद मांगता रहा लेकिन इंस्पेक्टर भाग गए. वहीं परिजन और वकील जाकिर हुसैन ने सीसीटीवी फुटेज को सबूत बताते हुए सीएम और डीजीपी को कार्रवाई की मांग भेजी है. एक माह बीतने के बाद भी परिवार इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है. वहीं बागपत पुलिस के अफसर इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.
मनुदेव उपाध्याय