दुनिया की सबसे बुजुर्ग चिड़िया ने 74 साल की उम्र में दिया अंडा, 1956 में की गई थी इसकी पहचान

दुनिया की सबसे बुजुर्ग जंगली चिड़िया ने तमाम मुश्किलों के बावजूद 74 साल की उम्र में अंडा दिया. यह पक्षियों के संसार से जुड़ी एक दुर्लभ घटना है. क्योंकि, ये चिड़िया इतनी अधिक उम्र तक जिंदा नहीं रहती हैं.

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दुनिया की सबसे बुजुर्ग चिड़िया ने दिया अंडा (सोशल मीडिया) दुनिया की सबसे बुजुर्ग चिड़िया ने दिया अंडा (सोशल मीडिया)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST

दुनिया की सबसे बुजुर्ग जंगली चिड़िया ने सभी मुश्किलों को पार करते हुए 74 वर्ष की उम्र  में एक और अंडा दिया. विजडम नामक लेसन अल्बाट्रॉस को इस सप्ताह हवाई के पास प्रशांत महासागर में मिडवे एटोल राष्ट्रीय वन्यजीव अभयारण्य में अपने नए अंडे की देखभाल करते और अपने साथी के साथ बातचीत करते हुए रिकॉर्ड किया गया.

विजडम नाम की इस चिड़िया की प्रजाति के अन्य पक्षी आमतौर पर 12 से 40 साल तक ही जीवित रहते हैं.  ऐसे में इतने दिनों तक जिंदा रहना और इस उम्र में अंडा देना एक रोचक और दुर्लभ घटना है. विजडम को पहली बार 1956 में टैग किया गया था. जब वह लगभग पांच साल की थी. पक्षी-प्रेमी उसके विशिष्ट Z333 टैग से परिचित होंगे.

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इससे पहले 2021 में दिया था अंडा
अल्बाट्रॉस का आखिरी अंडा 2021 में फूटा था और माना जाता है कि उसने अपने जीवनकाल में 30 से ज्यादा बच्चे दिए हैं.  यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ़ सर्विस (USFWS) ने विजडम की एक नई साथी के साथ अपने अंडे को पालते हुए तस्वीरें खींचीं हैं. इस जानकारी को  यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ़ सर्विस ने अपने हैंडल से एक्स पर एक वीडियो के साथ शेयर किया है. 

इस चिड़िया का नाम है विजडम
इस पोस्ट में बताया गया है कि दुनिया की सबसे पुरानी जंगली चिड़िया विजडम एक नए साथी के साथ वापस आ गई है और उसने अभी एक और अंडा दिया है. लगभग 74 साल की उम्र में, समुद्री पक्षियों की रानी पिछले हफ्ते मिडवे एटोल नेशनल वाइल्डलाइफ़ रिफ्यूज में लौटी और एक नर के साथ बातचीत शुरू की.

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इस पक्षी की प्रजाति का नाम है लेसन अल्बाट्रॉस
आगे बताया गया कि अन्य लेसन अल्बाट्रॉस की तरह विजडम अपने साथी के साथ फिर से मिलने के लिए हर साल उसी घोंसले के स्थान पर लौटती है और यदि सक्षम होती है, तो एक अंडा देती है. दशकों तक वह एक ही साथी, अकेकामाई के साथ ऐसा करती रही, लेकिन उस पक्षी को कई वर्षों से नहीं देखा गया है.

उसके जीवनकाल में ही चूजे उड़ गए. जीवविज्ञानियों ने पहली बार 1956 में विजडम की पहचान की और उसे बैंड किया, जब उसने एक अंडा दिया था और बड़े समुद्री पक्षियों के बारे में यह नहीं पता है कि वे 5 साल की उम्र से पहले प्रजनन करते हैं.

तस्वीरों में चिड़िया की टैगिंग नजर आई
एक्स पर शेयर की गई  तस्वीरों और वीडियो में भी 74 साल की विजडम को उसके जाने-माने बैंड नंबर Z333 के साथ देखा जा सकता है. भविष्य की पहचान के लिए उसके नए साथी को पिछले शुक्रवार को बैंड किया गया.

मिडवे एटोल एनडब्ल्यूआर में पर्यवेक्षक वन्यजीव जीवविज्ञानी जॉन प्लिसनर ने चार साल में विजडम के पहले अंडे को 'एक दुर्लभ घटना' कहा और कहा कि ऐसा लगता है कि उसके पास अभी भी एक और चूजे को पालने की ऊर्जा है.

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