इस्लामाबाद की वो लाल मस्जिद... जो पाकिस्तानी आर्मी को दिखाती है असली औकात! अब फिर चर्चा में

पाकिस्तान के हालात बयां करता एक और वीडियो वायरल हो गया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया से पाकिस्तान की बेचैनी साफ दिख रही है. इस्लामाबाद की लाल मस्जिद से सामने आए वीडियो में मौलाना अब्दुल अज़ीज गाजी वहां मौजूद लोगों से पूछते हैं कि अगर भारत-पाक में जंग हुई तो कौन पाकिस्तान का साथ देगा, लेकिन हैरानी की बात ये रही कि वहां मौजूद कोई भी हाथ नहीं उठाता

Advertisement
 पाकिस्तान की लाल मस्जिद फिर क्यों चर्चा में (Image Credit-AFP) पाकिस्तान की लाल मस्जिद फिर क्यों चर्चा में (Image Credit-AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST

भारत की और से हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के खौफ के बीच, पाकिस्तान जहां एक ओर भारत को गीदड़ भभकियां दे रहा है, वहीं दूसरी ओर अपने अंदरूनी हालात से खुद तंग है. हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में जारी अस्थिरता को लेकर चिंता जताई और देश की जमीनी हकीकत को सामने लाया. उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे आतंकी संगठनों के लगातार हमलों से सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Advertisement

इसी बीच पाकिस्तान के हालात बयां करता एक और वीडियो वायरल हो गया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया से पाकिस्तान की बेचैनी साफ दिख रही है. इस्लामाबाद की लाल मस्जिद से सामने आए वीडियो में मौलाना अब्दुल अज़ीज गाजी वहां मौजूद लोगों से पूछते हैं कि अगर भारत-पाक में जंग हुई तो कौन पाकिस्तान का साथ देगा, लेकिन हैरानी की बात ये रही कि वहां मौजूद कोई भी हाथ नहीं उठाता. बाद में स्पीच में कहा जाता है कि आज पाकिस्तान में जो व्यवस्था है, वो भारत से भी बदतर है. भारत में इतना जुल्म नहीं है, जितना पाकिस्तान में है.

मौलवी ने बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में हो रहे अत्याचारों का भी हवाला दिया तथा पाकिस्तानी सरकार पर अपने ही लोगों पर बमबारी करने का आरोप लगाया.इस वीडियो ने एक बार फिर पाकिस्तान के अंदर गहराते जन असंतोष को दुनिया के सामने ला दिया है..

Advertisement

देखें वायरल वीडियो

 

लाल मस्जिद का पुराना जख्म फिर हरा

लाल मस्जिद आज पाकिस्तान के लिए एक राजनीतिक और सामरिक नासूर बन चुकी है. इसका इतिहास 2007 के उस खूनी अध्याय से जुड़ा है, जब पाकिस्तानी सेना ने कट्टरपंथी गतिविधियों के चलते इस मस्जिद पर 'ऑपरेशन साइलेंस' चलाया था. दरअसल, इस्लामाबाद में स्थित लाल मस्जिद आतंकी संगठनों के समर्थन और गतिविधियों का केंद्र बन चुकी थी.

जुलाई 2007 में मस्जिद के छात्रों ने इस्लामाबाद के एक मसाज सेंटर पर हमला कर नौ लोगों का अपहरण कर लिया. इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने मस्जिद को चारों ओर से घेर लिया. 3 जुलाई को 'ऑपरेशन साइलेंस' शुरू हुआ, जिसमें मस्जिद के भीतर से आतंकियों ने फायरिंग की और कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी. 7 जुलाई को एक स्नाइपर ने पाक सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल हारून इस्लाम को गोली मार दी, जिसके बाद मुठभेड़ और तेज हो गई. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें आतंकी और सैनिक दोनों शामिल थे.

पाकिस्तान में आतंकी हमले की बाढ़

इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथियों ने तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया. इसी के बाद 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' (TTP) पैदा हुआ, जिसने पूरे पाकिस्तान में दहशत फैला दी. सिर्फ एक साल के भीतर पाकिस्तान में 88 बम धमाके हुए, जिनमें 1,100 से ज्यादा लोग मारे गए और 3,200 से ज्यादा जख्मी. बढ़ते दवाब और आक्रोश के बीच मुशर्रफ को पद से इस्तीफा देना पड़ा.

Advertisement

अब एक बार फिर, लाल मस्जिद का वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तान की आंतरिक लड़ाई और बिखरती हुई एकता भारत से पहले पाकिस्तान के लिए ही बड़ा खतरा बनती जा रही है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement