आखिर अरब देशों में भीख मांगकर कितना कमा लेते हैं पाकिस्तानी भिखारी, फिर सऊदी से 56 हजार भगाए गए

अरब देशों ने 56 हजार पाकिस्तान के भिखारियों को उनके देश डिपोर्ट कर दिया. अक्सर पाकिस्तान से तीर्थ के लिए सऊदी अरब और UAE जैसे देश जाने वाले लोग वहां भीख मांगने लगते हैं. यह पूरा काम संगठित तौर पर होता है. पाकिस्तान से लेकर मिडिल-ईस्ट तक इसका पूरा नेटवर्क फैला हुआ है. ऐसे में समझते हैं पाकिस्तान के भिखारियों की कमाई का पूरा अंकगणित.

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पाकिस्तान के भिखारियों से परेशान हैं अरब देश (Photo - Pixabay) पाकिस्तान के भिखारियों से परेशान हैं अरब देश (Photo - Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

पाकिस्तान में भीख मांगने या मंगवाने का धंधा एक उद्योग की तरह पनप रहा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के अनुसार पाकिस्तान के भिखारी पूरे साल में 42 अरब रुपये कमाते हैं. ये भीख मांगने के लिए अपने देश से बाहर भी चले जाते हैं और दूसरे देशों के लोगों को इतना परेशान करते हैं कि इन्हें गिरफ्तार कर वापस भेजना पड़ता है.

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पाकिस्तान से टूरिस्ट और तीर्थ यात्री बनकर सउदी भिखारियों का गैंग अरब, यूएई, ओमान जैसे देशों में पहुंचता है. इन देशों में भीख मांगने पर कानूनी रूप से रोक है. इसके बावजूद पाकिस्तानी नागरिक यहां भीख मांगने पहुंच जाते हैं. अभी हाल ही में सउदी अरब ने 56 हजार पाकिस्तानियों को भीख मांगने के आरोप में डिपोर्ट किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान के भिखारियों की कितनी कमाई हो जाती है.

सिर्फ पाकिस्तान में हर साल 42 अरब रुपये कमाते हैं भिखारी
पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने इस साल अप्रैल में मिडल ईस्ट देशों से पाकिस्तानी भिखारियों के निर्वासन से जुड़ा एक डाटा शेयर किया था. आसिफ ने कहा कि अकेले सऊदी अरब ने कम से कम 4,700 पाकिस्तानी भिखारियों को निर्वासित किया है. इस दौरान उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान में लगभग 22 मिलियन भिखारी हैं जो सालाना कम से कम 42 अरब रुपये कमाते हैं.उन्होंने कहा था कि उनकी लगातार बढ़ती आबादी विदेशों में देश की छवि को धूमिल कर रही है.

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पाकिस्तान में भीख मांगना तकनीकी रूप से गैरकानूनी है. 1958 का एक कानून है - आवारागर्दी अध्यादेश - जिसके अनुसार भीख मांगने या अपने बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते पकड़े जाने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है. फिर भी वहां इसे संगठित रूप से अंजाम दिया जा रहा है और शासन का इस पर कोई जोर नहीं चल पाता है. क्योंक पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां इसे रोकने के लिए मशीनरी नहीं है.

दूसरे देशों में पाकिस्तानी गिरोह संगठित रूप से मंगवाते हैं भीख
ऐसे में आलम ये है कि पाकिस्तान के भीख मंगवाने वाले संगठित गिरोह देश से बाहर का रुख करने लगे हैं. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के अनुसार, पिछले वर्ष एक संसदीय निकाय को जानकारी दी थी कि सऊदी अरब ने 2024 में पिछले तीन वर्षों के दौरान 4,000 भिखारियों को निर्वासित किया गया था.

सऊदी में भीख मांगने पर है कानून रोक
सऊदी अरब में भीख मांगने के खिलाफ कानून का उद्देश्य लोगों को भीख मांगने या भीख मांगने वाले गिरोहों में शामिल होने से रोकना है, जिसके तहत आर्थिक जुर्माना और कारावास जैसी सजाएं दी जाती हैं. भीख मांगने में शामिल विदेशी व्यक्तियों को सजा पूरी करने के बाद देश से निकाला जा सकता है.

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एफआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल के दिनों में मुख्य रूप से दक्षिण पंजाब, कराची और आंतरिक सिंध क्षेत्रों से संबंधित पेशेवर भिखारियों को मध्य पूर्व के विभिन्न देशों से निर्वासित किया गया है.उन्होंने कहा कि एक बार ये भिखारी वापस आ जाते हैं, तो उनके नाम एफआईए इमिग्रेशन की पासपोर्ट नियंत्रण सूची (पीसीएल) में डाल दिए जाते हैं ताकि उन्हें दोबारा पाकिस्तान से बाहर यात्रा करने से रोका जा सके.

हर दिन हो जाती है इतनी कमाई
इस साल कई दुबई और शारजाह में कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिसमें पाकिस्तानी भिखारियों की कमाई का सनसनीखेज खुलासा हुआ था. गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मार्च में शारजाह में एक पाकिस्तानी शख्स पकड़ा गया था, जिसके पास 14 हजार दिहरम यानी 3 लाख रुपये मिले थे. उसने पुलिस को बताया था कि उसने तीन दिन में भीख मांगकर इतने पैसे जमा किए थे. यानी उस शख्स की एक दिन में एक लाख रुपये कमाई हुई थी.

इससे पहले दुबई में 127 पाकिस्तानी भिखारियों को पकड़ा गया था. इनके पास से पुलिस को 50 हजार दिरहम यानी 11 लाख रुपये मिले थे. वहीं शारजाह पुलिस ने भी 107 भिखारियों को इस साल के शुरुआत में गिरफ्तार किया था, उनके पास से भी 11 लाख रुपये मिले थे.

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तीर्थ यात्रा के बहाने पाकिस्तान से बाहर जाते हैं भिखारी
पाकिस्तानी नागरिकों पर सीनेट की स्थायी समिति को सौंपी गई इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि विदेशों में गिरफ्तार किए गए 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तानी नागरिक होते हैं. इनमें से अधिकांश सऊदी अरब, ईरान और इराक के तीर्थयात्रा वीजा पर विदेश जाते हैं और यात्रा के दौरान भीख मांगते हैं.

यह भी पढ़ें: शहबाज की इंटरनेशनल बेइज्जती! सऊदी ने 50 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी भिखारियों को निकाला

पाकिस्तान के भिखारियों से सबसे ज्यादा सऊदी अरब परेशान
सऊदी अरब भी पाकिस्तानी भिखारियों की समस्या से जूझ रहा है, जहां हर साल लाखों तीर्थयात्री जाते हैं. यह समस्या इतनी बढ़ गई है कि सऊदी सरकार ने पाकिस्तान से उन्हें भेजना बंद करने का अनुरोध किया है. एक बार एफआईए ने सऊदी अरब जाने वाले विमान में सवार होने वाले 16 भिखारियों को पकड़ा था. वे उमराह वीजा पर आए थे, लेकिन उनका इरादा मक्का और मदीना के पवित्र शहरों में रुककर भीख मांगने का था.

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