बेल्जियम पर इस पड़ोसी देश ने लगाया हवा चुराने का आरोप, जानें क्या है मामला?

एक डच मौसम पूर्वानुमान कंपनी के सीईओ ने एक इंटरव्यू के दौरान बेल्जियम के लोगों पर नीदरलैंड की हवा चुराना का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि आने वाले समय में ये बड़ा मुद्दा बन सकता है. चलिए जानते हैं कि आखिर ये मामला क्या है?

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बेल्जियम पर हवा चोरी का आरोप (फोटो - Pexels) बेल्जियम पर हवा चोरी का आरोप (फोटो - Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

गाड़ी, मवेशी, सोने-चांदी और अन्य कीमती सामान की चोरी आम बात है. बैंक और म्यूजियम से भी दुर्लभ चीजों की चोरी के कई मामले सामने आए हैं. लेकिन, चोरी का अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें हवा चुराने के आरोप लगाए जा रहे हैं. वो भी दो देशों के स्तर पर. अब तक  पानी और कई अन्य प्राकृतिक संपदाओं की चोरी के आरोप एक देश दूसरे देशों पर लगाते रहे हैं. अब ये मामला क्या है चलिए जानते हैं.

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नीदरलैंड के एक मौसम संबंधी फर्म के अधिकारी ने बेल्जियम पर उनकी हवा चुराने का आरोप लगाया है. ये बातें उन्होंने बेल्जियम के ही एक ब्रॉडकास्टर सर्विस के साथ इंटरव्यू में कही और बताया कि आपके ही लोग हमारे देश की हवा चुका रहे हैं. 

एक दूसरे से सटे हैं दोनों देश
बता दें कि बेल्जियम और नीदरलैंड एक दूसरे से सटे हुए हैं और एक सीमा साझा करते हैं. ऐसे इन दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में कई ऐसी गतिविधियां होती रहती है, जिससे दोनों ही कंट्री प्रभावित होती है. अब ऐसे में एक डच वेदर फोरकास्टर सर्विस फर्म के सीईओ रेम्को वर्जिल्बर्ग ने बेल्जियम पर उनके देश की हवा चुराने का आरोप लगाया है 

पवन ऊर्जा के फार्म चुरा रहे हवा
द ब्रुसेल्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वर्जिल्बर्ग ने कहा कि बेल्जियम के पवन फार्म अनजाने में उत्तरी सागर में उनके देश के पवन फार्मों से पवन ऊर्जा चोरी कर रहे हैं. उन्होंने ने दावा किया कि उत्तरी सागर में बेल्जियम के पवन चक्कियों को उनके स्थान के कारण डच लोगों की तुलना में एक फायदा है, वे प्रभावी रूप से डच पवन की चोरी कर रहे हैं.

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बड़े-बड़े टार्बाइन खींच रहे नीदरलैंड की हवा
वर्जिल्बर्ग के अनुसार पवन टर्बाइन को हवा से हवा निकालने के लिए डिजाइन किया गया है. यदि आप पवन टर्बाइन के पीछे मापते हैं, तो हवा कम तेज चलती है. कई पवन टर्बाइनों वाले पवन फार्म के पीछे, आप वास्तव में कम हवा की गति देखते हैं. वर्जिल्बर्ग ने बताया कि बेल्जियम के पवन फार्म डच फार्मों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद हैं. वे डच पार्कों के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं और हवा अक्सर दक्षिण-पश्चिम से आती है. इसलिए वे अक्सर हमारी कुछ हवा चुरा लेते हैं. यानी बेल्जियम के विशालकाय टार्बाइन बेल्जियम की हवा खींच रहे हैं.

नीदरलैंड की 3% तक पवन ऊर्जा चुरा रहा बेल्जियम
वर्ज़िल्बर्ग ने दावा किया कि बेल्जियम के पवन फार्म डच प्रतिष्ठानों से 3% तक पवन ऊर्जा ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि पवन टरबाइन के पीछे मापी गई हवा की गति कम है. यह घटना पवन टर्बाइनों के स्थान के कारण पूरी तरह से आकस्मिक है, उन्होंने निकट भविष्य में देशों के बीच बेहतर समन्वय की वकालत की.

ज्यादा पवन चक्की लगाने से बढ़ेगी हवा की चोरी
डच मौसम पूर्वानुमान विशेषज्ञ ने चेतावनी दी कि इस प्रकार की पवन चोरी एक बड़ा मुद्दा बन जाएगी, क्योंकि कार्बन तटस्थ बनने की अंतरराष्ट्रीय दौड़ में उत्तरी सागर में अधिक पवन फार्म स्थापित किए जा रहे हैं. इसलिए वहां पवन ऊर्जा की चोरी और भी ज़्यादा होगी. इस मामले में संघर्ष से बचने के लिए बेहतर योजना और समन्वय की आवश्यकता है.

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कार्बन तटस्थ बनने का लक्ष्य पूरा करना चाहता है बेल्जियम
कार्बन तटस्थ बनने का लक्ष्य रखने वाले देशों के लिए पवन फार्मों का उपयोग महत्वपूर्ण है. 2030 तक, बेल्जियम अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्तरी सागर में छह गीगावाट की पवन टर्बाइन बनाना चाहता है.

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