कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन और आतंकवादी दाऊद इब्राहिम दशकों से भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है. उसे लेकर ताजा खबर ये है कि वो पाकिस्तान के कराची के अस्पताल में भर्ती है. सोशल मीडिया पर चर्चा है कि उसे किसी अज्ञात शख्स ने जहर दे दिया था. जिसके बाद उसकी हालत गंभीर है. हालांकि इस खबर की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. इस बीच हम दाऊद के उन गुनाहों की बात कर लेते हैं, जो बताते हैं कि आखिर क्यों वो भारत का सबसे मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल है. भारत और अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया है.
दाऊद को इंटरपोल की रेड नोटिस लिस्ट में भी शामिल किया गया है और उसके सिर पर 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम है. ऐसा कहा जाता है कि उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा से करीबी संबंध हैं.
उसके कई फर्जी नाम और फर्जी पासपोर्ट हैं. दाऊद बार-बार अपनी लोकेशन और हुलिया बदलता रहता है. ऐसा माना जाता है कि वो नकली नाम शेख दाऊद हसन के साथ पाकिस्तान के कराची में रह रहा है.
उसकी गुनाहों की लिस्ट इतनी लंबी है कि एक बार शुरू करने के बाद खत्म ही नहीं होगी. वो कई घातक अपराधों का मास्टरमाइंड है. जिनमें 1993 मुंबई ब्लास्ट, 2008 मुंबई हमले, 2010 पुणे जर्मन बेकरी विस्फोट और 2013 IPL स्पॉट फिक्सिंग कांड शामिल हैं.
उसका नाम अंतरराष्ट्रीय ड्राग्स तस्करी, जालसाजी और हथियारों की तस्करी में भी शामिल है. हम आज कुछ उन मामलों की बात करने वाले हैं, जो ये साबित करते हैं कि दाऊद इब्राहिम भारत का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी क्यों है.
1993 मुंबई ब्लास्ट
साल 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम है. इसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए. उसने कथित तौर पर अपने सहयोगियों और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा की मदद से ब्लास्ट की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया.
उसने अपराधियों को विस्फोटक, हथियार और प्रशिक्षण भी मुहैया कराया. बम धमाकों में मुंबई की 12 जगहों को टार्गेट किया गया. जिनमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, एयर इंडिया बिल्डिंग, शिवसेना का मुख्यालय शामिल थे.
बम धमाकों के बाद दाऊद इब्राहिम दुबई भाग गया और इसके बाद पाकिस्तान चला गया. ऐसा माना जा रहा है कि वो यहीं ISI की सुरक्षा में रह रहा है. भारत पाकिस्तान से बार बार दाऊद के प्रत्यपर्ण की मांग करता है लेकिन पाकिस्तान अपनी जमीन पर उसकी मौजूदगी से ही इनकार कर देता है.
2008 मुंबई हमले
ऐसा कहा जाता है कि 2008 के मुंबई हमलों में भी दाऊद इब्राहिम का हाथ था. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक घायल हुए थे. ये हमले लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 आतंकियों ने किए थे. जो समुद्र के रास्ते भारत आए थे.
इन्होंने कई जगहों को निशाना बनाया, जिनमें ताज महल होटल, द ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस शामिल था.
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, दाऊद इब्राहिम ने हमलावरों को साजो-सामान और वित्तीय सहायता प्रदान की और उन्हें मुंबई से भागने में भी मदद की. उसने कथित तौर पर हमलों में लगी रकम के लिए हवाला ऑपरेटरों और नकली करेंसी डीलरों के अपने नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया.
2010 पुणे जर्मन बेकरी ब्लास्ट
दाऊद इब्राहिम 2010 पुणे जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में भी वॉन्टेड है. इसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से अधिक लोग घायल हुए. ये ब्लास्ट पुणे के कोरेगांव पार्क एरिया की मशहूर जर्मन बेकरी में हुआ था. जहां विदेशियों और पर्यटकों का तांता लगा रहता था.
इस विस्फोट की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी, जो कथित तौर पर दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक आतंकवादी संगठन है. कुछ सूत्रों के मुताबिक, दाऊद इब्राहिम ने विस्फोट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक और मोबाइल फोन को मुहैया कराया था. इसके साथ ही उसने हमलावर को भागने में भी मदद की थी.
2013 IPL स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल
दाऊद इब्राहिम पर 2013 के IPL स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल होने का भी आरोप लगता है. जिसने भारत की क्रिकेट की दुनिया को हिलाकर रख दिया था. इस स्कैंडल में राजस्थान रॉयल्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस टीम के कुछ खिलाड़ियों द्वारा प्रति ओवर बनाए जाने वाले रन सहित कई पहलु शामिल थे.
खिलाड़ी कथित तौर पर सट्टेबाजों और फिक्सरों के संपर्क में थे, जो दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगी छोटा शकील के लिए काम कर रहे थे. इन दोनों ने ही कथित तौर पर सट्टेबाजी के पूरे रैकेट को नियंत्रित किया.
इन्होंने इस सट्टेबाजी से भारी पैसा कमाया. साथ ही ऐसी भी खबर आई कि इन लोगों ने टीम के मालिकों और खिलाड़ियों को इनका सहयोग करने के लिए धमाकाया था.
ये कुछ प्रमुख मामले थे, जिनमें दाऊद इब्राहिम भारत का मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल है. इसके अलावा भी ऐसे कई मामले हैं, जिनमें वो वॉन्टेड है. इनमें हत्या, जबरन वसूली, अपहरण और तस्करी समेत कई मामले हैं. हत्या का एक मामला पत्रकार ज्योतिर्मय डे का है. जिनकी 2011 में कथित तौर पर दाऊद इब्राहिम के गुर्गे ने हत्या कर दी थी.
उन्हें इनकी अवैध गतिविधियों के बारे में लिखने के कारण मारा गया. 1997 में संगीत के दिग्गज गुलशन कुमार की हत्या भी कथित तौर पर दाऊद इब्राहिम के गुंडों ने जबरन वसूली के पैसे देने से इनकार करने पर की थी.
साल 2006 में भाजपा नेता प्रमोद महाजन की हत्या भी कथित तौर पर दाऊद इब्राहिम के सहयोगी प्रवीण महाजन ने की थी. जो नेता का भाई भी था. साल 2000 में जूता व्यवसायी परीक्षित ठक्कर का अपहरण और हत्या हुई थी.
इन्हें कथित तौर पर फिरौती की रकम न देने पर दाऊद इब्राहिम के गिरोह ने अपहरण कर मार डाला था. दाऊद का नाम 1993 में RDX और हथियारों की तस्करी में भी आया था, जिनका इस्तेमाल मुंबई ब्लास्ट और अन्य आतंकी हमलों में किया गया था.
Shilpa