हाल ही में SA Airlink की एक फ्लाइट में ऐसा अजीबोगरीब वाकया देखने को मिला, जिसने यात्रियों के बीच खलबली मचा दी. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, जोहान्सबर्ग से केप टाउन जा रही इस फ्लाइट में एक यात्री ने इमरजेंसी एग्जिट दरवाजा खोलने की कोशिश की, क्योंकि उन्हें लगा कि वह टॉयलेट का दरवाजा है! इस अजीब हरकत से फ्लाइट में बैठे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, और लोगों ने तुरंत उन्हें रोकने की कोशिश की.
यात्रियों का कहना है कि उस समय फ्लाइट अटेंडेंट विमान के दूसरे छोर पर सर्विस में थे, जिससे वहां बैठे यात्रियों को ही दखल करना पड़ा. एक यात्री ने उस शख्स से पूछा-आप क्या कर रहे हैं?बुजुर्ग शख्स ने बड़ी ही मासूमियत से कहा-मुझे टॉयलेट का इस्तेमाल करना है, मुझे टॉयलेट क्यों नहीं जाने दे रहे हो.
अजीब बात यह है कि ये मामला यहीं खत्म नहीं हुआ! वापसी की फ्लाइट में भी एक अन्य शख्स ने इमरजेंसी एग्जिट को टॉयलेट समझकर खोलने की कोशिश की, जिससे एक बार फिर यात्रियों को संभलने का मौका ही नहीं मिला.
क्यों हो रही है ऐसी गलतियां?
एविएशन एक्सपर्ट प्रोफेसर डग ड्यूरी का मानना है कि यह कंफ्यूजन खासकर नए यात्रियों में ज्यादा होती है. फ्लाइट के इंटीरियर डिजाइन में गैलरी और इमरजेंसी एग्जिट का कंफ्यूजन पहली बार यात्रा करने वालों को गुमराह कर सकता है.
उड़ान के दौरान दरवाजा खोलना असंभव क्यों?
प्रोफेसर ड्यूरी बताते हैं कि 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर इमरजेंसी एग्जिट दरवाजा खोलना मुमकिन नहीं है, क्योंकि केबिन का दबाव दरवाजे को मजबूती से बंद रखता है.
क्या हो सकता है समाधान?
कुछ एयरलाइंस गैली के पास पर्दा लगाने या स्लाइडिंग दरवाजा लगाने की सोच सकती हैं ताकि यात्रियों को कंफ्यूजन न हो. यह घटना अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, और लोग इस पर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि एयरलाइंस को टॉयलेट और एग्जिट के डिजाइन में ऐसा अंतर करना चाहिए जिससे यात्रियों को ऐसी गलती का मौका न मिले!
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