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पर्यावरण: प्‍लास्‍ट‍िक वेस्‍ट में दिल्‍ली नंबर 1, ऐसी है विनाशलीला

अंकुर कुमार
  • 05 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST
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आज विश्व पर्यावरण दिवस और खास बात है कि हमारा देश भारत इस साल पर्यावरण दिवस होस्ट कर रहा है. साथ ही भारत ने इस बार 'Beat plastic pollution' यानी प्‍लास्‍ट‍िक के खातमे की थीम पर कैंपेन चलाने की तैयारी की है.

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भले ही थीम में प्‍लास्‍ट‍िक को खत्‍म करने की बात हो रही हो, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. प्रदूषण के मामले में भारत की स्‍थ‍िति सबसे दयनीय है. वहीं एक सर्वे के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा दिल्ली में जेनरेट हो रहा है.

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एक अनुमान के मुताबिक विश्‍व के पैदा होने वाले कचड़ों में 10 प्रतिशत हिस्‍सा प्‍लास्‍ट‍िक का होता है. साथ ही 50 प्रतिशत प्‍लास्‍ट‍िक ऐसे होते हैं जो नॉन बायोडिग्रेडेबल होते हैं.

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प्‍लास्टिक को प्राकृतिक रूप से खत्‍म होने में करीब हजार साल लगते हैं. प्‍लास्‍ट‍िक का कचड़ा 500 से 700 साल बाद नष्ट होना शुरू होता है और पूरी तरह से डिग्रेड होने में उसे 1000 साल लग जाते हैं. ऐसे में अब तक जितना भी प्‍लास्‍ट‍िक का उत्‍पादन हुआ है, सब धरती पर मौजूद है.

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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने साल 1972 में इसकी घोषणा की थी, लेकिन पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया और इसबार 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है.

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वहीं एक वेबसाइट की खबर के अनुसार, सीपीसीबी के अनुसार भारत के टीयर-1 और टीयर-2 के 60 शहरों से ही 4059 टन प्लास्टिक वेस्ट रोजाना जेनरेट होता है. पूरे भारत में एक दिन में करीब 25,940 टन प्लास्टिक वेस्ट जेनरेट होता है.   आपको बता दें कि दिल्‍ली समेत कई शहरों में प्‍लास्‍ट‍िक बैन हैं, इसके बावजूद ये हालात हैं.

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दिल्ली में रोज 689.52 टन प्लास्टिक वेस्ट पैदा होता है. इसमें दूसरे नंबर पर चेन्नई, तीसरे पर बैंगलुरु और चौ‍थे पर हैदराबाद है. सबसे कम प्लास्टिक जेनरेट करने वाले शहर में कवरत्ती शामिल है. यहां रोज महज 0.24 टन प्लास्टिक वेस्ट जेनरेट होता है.

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प्लास्टिक वेस्ट में सबसे बड़ा योगदान प्लास्टिक बोतलों का है. आपको बता दें कि कोकाकोला, इन्फोसिस और हिल्टन समेत कई कंपनियों ने भारत में प्लास्टिक के प्रदूषण से निपटने में योगदान देने जा रही है.

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विश्व आर्थिक मंच के मुताबिक भारत हर साल 56 लाख टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करता है और समुद्र में फेंके जाने वाले कुल प्लास्टिक कचरे में 60% का योगदान करता है.

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प्‍लास्‍ट‍िक का खतरा सिर्फ मनुष्‍यों के लिए नहीं है, हर साल लगभग 1 लाख जानवर प्लास़्टिक बैग के कारण मर जाते हैं. आपको बता दें कि रवांडा ऐसा देश है, जहां 2008 से प्‍लास्‍ट‍िक पर बैन लगा हुआ है.

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आपको बता दें कि पीएम मोदी, उपराष्‍ट्रपति वैंकेया नायडू, अर्जुन कपूर, आलिया भट्ट और अदिति राव हैदरी समेत कई लोगों विश्व पर्यावरण दिवस के संबंध में जागरूकता के लिए ट्व‍ीट किया है.

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आपको बता दें कि विश्‍व के 15 सबसे ज्‍यादा प्रदूष‍ित शहरों में भारत के 14 शहर शामिल हैं.

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आपको बात दें कि भारत के अलावा फ‍िलीपींस भी प्‍लास्‍ट‍िक के कचड़ों की वजह से हो रहे प्रदूषण से जूझ रहा है.

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