जो लड़की कॉलेज नहीं जाती हैं, उनके साथ जबरन सेक्स का खतरा अधिक रहता है. अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में यह बात कही गई है. इसमें यह भी सामने आया है कि हर 4 में से एक महिला 44 साल तक की उम्र में जबरन सेक्स का सामना करती है. आइए जानते हैं इससे जुड़ी और भी बातें....(यौन हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन की फाइल फोटो)
स्टडी में यूएस नेशनल सर्वे ऑफ फैमिली ग्रोथ के आंकड़े इस्तेमाल किए गए थे. इस सर्वे में 5000 अमेरिकी महिला और पुरुषों से सवाल पूछे गए थे. इसमें एक सवाल ये भी था कि क्या कभी आपको जबरन सेक्स करना पड़ा है? (यौन हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन की एक फोटो)
प्रोफेसर और रिसर्चर विलियम एजिन ने कहा है कि जो महिलाएं कॉलेज कभी नहीं जाती हैं उनके साथ जबरन सेक्स का चांस 2.5 गुना अधिक होता है. (यौन हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन की एक फोटो)
प्रोफेसर ने कहा कि जब उन्होंने कैंपस के भीतर सेक्शुअल हिंसा को काफी अधिक पाया तो उन्होंने सोचा कि बाहर यह कितना अधिक होगा? इसके बाद उन्होंने इस स्टडी को किया जिसमें यह पता लगाया जा सके कि कॉलेज कभी नहीं जाने वाली लड़कियों को सेक्शुअल हिंस का खतरा कितना रहता है... (यौन हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन की एक फोटो)
प्रोफेसर के मुताबिक, नशा एक समान्य परिस्थिति है जब सेक्शुअल हिंसा होती है जबकि मौखिक तौर से दबाव डालकर और दुर्व्यवहार करके भी ऐसा किया जाता है. (तस्वीर- 22 साल की हेदर लैजको. हेदर ने #MeToo में अपनी फोटो क्लिक कराई थी. हेदर ने कहा था- रेप ही सिर्फ सेक्शुअल हिंसा नहीं है. अगर आप किसी को डेट कर रहे हैं या शादीशुदा हैं, इसका ये मतलब नहीं है कि वहां सेक्शुअल असॉल्ट नहीं हो सकता.)
2015 में इसी यूनिवर्सिटी ने कैंपस के भीतर की स्थिति को समझने के लिए
स्टडी की थी. इसमें सामने आया था कि 20 फीसदी छात्राओं ने बिना सहमति के
सेक्शुअल बिहैवियर का सामना किया. 12 फीसदी छात्राओं ने यह भी कहा था कि
बिना सहमति के उन्हें सेक्स करना पड़ा. (तस्वीर- 17 की समंथा हैनाहेनजन की #MeToo कैंपेन की है. मिशिगन में रहने वाली समंथा ने कहा था- जब मैं #MeToo हैशटैग देखती हूं, मुझे अपने साथ हुए यौन हिंसा की याद आती है. यह तब हुआ जब मैं मिड्ल स्कूल में पढ़ती थी. और एक टीचर ने ऐसा किया.)