धराली गांव में मंगलवार को आए सैलाब ने सब कुछ बदल गया. अचानक बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा दी. सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि लोग संभल भी नहीं पाए. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक गांव के होटल मालिक जय भगवान की आंखों के सामने उनका चार मंजिला होटल भी मलबे में समा गया. उत्तरकाशी में आई इस अचानक बाढ़ ने सिर्फ इमारतें नहीं, कई जिंदगियों की उम्मीदें भी बहा दीं. वो धराली जहां लोग छुट्टियां मनाने सुकून तलाशने जाते थे वहां लोगों को जिंदगी भर का गम मिला.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली गांव में होटल चलाने वाले जय भगवान को मंगलवार को जब अपने होटल में एक भी सैलानी नहीं दिखा तो वे पास ही स्थित नाग देवता के मंदिर में लगे मेले में चले गए. यह मंदिर गांव के बाजार से थोड़ा दूर था और बाढ़ की सीधी चपेट से बचा रहा. रात करीब 1:40 बजे, जब मेले में रौनक थी, तभी अचानक तेज आवाज सुनाई दी. कुछ ही पल बाद गांव की ओर से चीख-पुकार और सीटी बजने की आवाजें आने लगीं. माहौल अफरातफरी में बदल गया, लेकिन जय भगवान को समझ ही नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है.
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कुछ ही मिनटों में मिट्टी, पानी और बड़े-बड़े पत्थरों का भारी सैलाब गांव की तरफ तेजी से आ गया. देखते ही देखते बाजार और कई इमारतें उसकी चपेट में आकर बह गईं. जय भगवान का चार मंजिला होटल भी उसमें समा गया. जय भगवान के अनुसार, वो कुछ समझ ही नहीं पाए. जैसे-तैसे घर की तरफ भागे, लेकिन बीस मिनट में पानी तक भी पहुंच गया.
जय ने बताया कि जब वो किसी तरह वहां से निकले, तो रास्ते में भागते हुए उन्होंने अपने परिवार से संपर्क करने की कोशिश की. शुरुआत में वो अपने घरवालों से बात कर पाए और उनकी सुरक्षा की पुष्टि भी हुई. लेकिन मंगलवार शाम करीब 4 बजे के बाद उनका संपर्क टूट गया और फिर किसी से बात नहीं हो पाई. जय के मुताबिक जिस वक्त बाढ़ आई, उस समय उनके होटल में कोई भी स्टाफ या परिवार का सदस्य मौजूद नहीं था. ये उनके लिए सबसे बड़ी राहत की बात थी. अगर उस समय मेरा स्टाफ या परिवार वहां होता तो शायद कोई नहीं बच पाता.
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आम दिनों में जय भगवान का होटल पूरी तरह बुक रहता है, खासकर चारधाम यात्रा के दौरान. लेकिन इस समय मानसून की वजह से टूरिस्ट कम थे और होटल खाली था. यही वजह रही कि बड़ा नुकसान होते-होते टल गया.
राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन हालात बेहद मुश्किल हैं. रेस्क्यू टीम के मुताबिक, वहां 50 से 60 फीट तक मलबा जमा है, जो दलदल जैसा हो गया है. इसे हटाना भारी मशीनरी के बिना लगभग नामुमकिन है. सैलाब में जो भारतीय सेना के 11 जवान लापता हुए हैं, उनकी तलाश भी अभी पूरी नहीं हो पाई है. कहा ये भी जा रहा है कि केरल के 28 टूरिस्ट् का ग्रुप धराली की घटना के बाद से लापता हैं.
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